जनजातीय शिक्षकों को कई भाषाओं का मिलेगा प्रशिक्षण
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एमएलई के तहत जिले के पांच शिक्षकों ने ली ट्रेनिंग
कक्षा एक-दो के बच्चों को मातृभाषा में देंगे शिक्षा
चाईबासा : राज्य के शिक्षा व साक्षरता विभाग के सौजन्य से झारखंड शिक्षा परिषद व यूनिसेफ की ओर से रांची स्थित होटल ली-लेक में तीन दिवसीय क्षेत्रीय भाषा प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया. इसमें पश्चिमी सिंहभूम, सरायकेला-खरसावां, पूर्वी सिंहभूम, खूंटी, गुमला, सिमडेगा, दुमका आदि के संथाल, मुंडा, कुड़ुख, हो, खड़िया, ओड़िया और बांग्ला भाषी शिक्षकों को मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षण दिया गया. ये मास्टर ट्रेनर अपने जिले के जनजातीय भाषा के जानकार शिक्षकों को प्रशिक्षण देंगे, जो अपने विद्यालय की पहली व दूसरी कक्षाओं के बच्चों को उनकी मातृभाषा में बातचीत करते हुए हिंदी व अंग्रेजी की शिक्षा देंगे.
इसे बहुभाषी शिक्षा कहा जायेगा. जिले से पांच शिक्षक कृष्णा देवगम, यादव कालुंडिया, मंगल सिंह मुंडा, सिमोन जोंको और रमेश चंद्र हेंब्रम ने एमएलई (मल्टीलिंगुअल एजुकेशन) का प्रशिक्षण प्राप्त किया. ज्ञात हो कि विद्यालयों में जनजातीय भाषा के परिवेश से आने वाले बच्चों में ड्रॉपआउट की समस्या सबसे अधिक देखी जा रही है. इस समस्या के निदान के रूप में प्रारंभिक कक्षा में बच्चों को उनकी मातृभाषा में पढ़ाने का आदेश राज्य शिक्षा व साक्षरता विभाग ने जारी किया है. लिहाजा अब पहली व दूसरी कक्षा के बच्चों को उनकी मातृभाषा में रोचक कहानियां एवं कविताएं सुनायी जायेंगी, ताकि वे विद्यालय की ओर स्वयं आकर्षित हों.