पोर्टरखोली से अतिक्रमण हटाना चुनौती

रेलवे ने 11 तक अतिक्रमण हटा लेने की दी है हिदायत चक्रधरपुर : रेलवे की भूमि से अतिक्रमण हटाना रेलवे की संयुक्त टीम के लिए पोर्टरखोली से अतिक्रमण हटाना बड़ी चुनौती है. यहां इस बार रेल प्रशासन व सुरक्षा बल द्वारा संयुक्त रूप से कार्रवाई की तैयारी चल रही है तथा प्रशासनिक अधिकारी इसकी रणनिति […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 7, 2017 5:18 AM

रेलवे ने 11 तक अतिक्रमण हटा लेने की दी है हिदायत

चक्रधरपुर : रेलवे की भूमि से अतिक्रमण हटाना रेलवे की संयुक्त टीम के लिए पोर्टरखोली से अतिक्रमण हटाना बड़ी चुनौती है. यहां इस बार रेल प्रशासन व सुरक्षा बल द्वारा संयुक्त रूप से कार्रवाई की तैयारी चल रही है तथा प्रशासनिक अधिकारी इसकी रणनिति बना रहे हैं.
ज्ञात हो कि इससे पहले भी दो बार यहां से अतिक्रमण हटाने की कोशिश की गयी, किन्तु लोगों के विरोध के कारण दोनों बार आरपीएफ टीम को लौटना पड़ा. रेलवे की अतिक्रमण निवारण टीम अबतक पोर्टरखोली के कई स्थानों से अतिक्रमण हटाने का आदेश दे चुकी है.
पांच दिन से चल रही इस मुहिम के दौरान उन्हें कई जगह लोगों एवं जनप्रतिनिधियों के विरोध का भी सामना करना पड़ा, इसके बावजूद कार्रवाई जारी है. पोर्टरखोली राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थान है. कई राजनीतिक समीकरण यहीं से बनते-बिगड़ते हैं. यहां के अधिकांश लोग किसी न किसी दल से जुड़े हैं, जिससे यहां के हर मामले में राजनीतिक दखल भी होती है. जन प्रतिनिधियों को भी आंदोलन के लिए पोर्टरखोली निवासियों की जरूरत पड़ती है. इससे वे भी उनके खिलाफ नहीं जा सकते. इसी कारण से प्रशासन को अबतक यहां कार्रवाई में कोई सफलता नहीं मिली है.
विरोध पड़ सकता है महंगा
इस बार विरोध से निपटने के लिए पुख्ता इंतजाम किये जा रहे हैं. चूंकि व्यवस्था बनाये रखने के लिए कोर्ट से निर्देश मिले हैं. इसलिए प्रशासनिक अमले से भिड़ने पर कड़ी कार्रवाई भी हो सकती है. ज्ञात हो कि रेल प्रशासन ने लोगों को 11 सितंबर तक पोर्टरखोली से अतिक्रमण हटा लेने का आदेश दिया है.

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