विकास में रोड़ा बना ‘अफसर’
शहर की सफाई व्यवस्था पर टकराव की ओर बढ़े पार्षदचाईबासा : नौ मई नगर पर्षद अध्यक्ष के तौर पर नीला नाग ने कार्यभार संभाला था. 13 मई को नगर पर्षद बोर्ड की पहली बैठक आयोजित की गयी थी जिसमें वार्ड पार्षदों, अध्यक्ष, उपाध्यक्ष ने कार्यपालक पदाधिकारी तथा नगर पालिका के कर्मचारियों की उपस्थिति में एक […]
शहर की सफाई व्यवस्था पर टकराव की ओर बढ़े पार्षद
चाईबासा : नौ मई नगर पर्षद अध्यक्ष के तौर पर नीला नाग ने कार्यभार संभाला था. 13 मई को नगर पर्षद बोर्ड की पहली बैठक आयोजित की गयी थी जिसमें वार्ड पार्षदों, अध्यक्ष, उपाध्यक्ष ने कार्यपालक पदाधिकारी तथा नगर पालिका के कर्मचारियों की उपस्थिति में एक माह का एजेंडा तैयार किया.
पहली बैठक में धड़ाधड़ कई काम करने का प्रस्ताव पारित किये गये. इसमें शहर की सफाई और पेयजल व्यवस्था टॉप प्रायोरिटी पर थी. हालांकि इन दो सप्ताह में नगर पर्षद का कोई भी एजेंडा हकीकत की जमीन पर नहीं उतर पाया. सबसे ज्यादा आक्रोश और निराशा सफाई के मोरचे पर नजर आ रही है. आने वाले समय में नगर पर्षद की मुश्किलें बढ़ती स्पष्ट दिख रही है.
सफाई अभियान का टारगेट लगभग फेल होने के कगार पर है. इसे लेकर पार्षदों का एक तबका सीधे-सीधे नगर पर्षद के कार्यपालक पदाधिकारी सुनील कुमार को टारगेट कर चुका है. विकास योजनाओं के फलीभूत होने में उन्हें बाधा बताया जाने लगा है. उन्हें हटाने तक की मांग शुरू हो गयी है.
हालात यहां तक पहुंच चुके है कि कई पार्षदों ने नगर विकास विभाग तक कार्यपालक पदाधिकारी की शिकायत पहुंचायी है. पार्षद खुलेआम उन्हें विकास में रोड़ा करार दे रहे है. नगर पर्षद में मतभेद व टकराव का यह आलम किस करवट बैठेगा यह देखने वाली बात होगी.