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पीछे से तेज रफ्तार ट्रक ने कार को मारी ठोकर

घायलों में जेएसपीएल के दो अधिकारी, सरकारी डॉक्टर, स्वास्थ्य केंद्र कर्मी व दो बच्चे शामिलप्रभात खबर डिजिटल प्रीमियम स्टोरीEarthquake: क्यों कांप रही हमारी धरती, ऐसा क्या राज दफन है कई किलोमीटर नीचेपीएम मोदी YouTube से करते हैं करोड़ों की कमाई, एक वीडियो से हुई 10780560 रुपये की आमदनीNepal Violence : क्या 17 साल में 10 […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 29, 2017 2:08 AM

घायलों में जेएसपीएल के दो अधिकारी, सरकारी डॉक्टर, स्वास्थ्य केंद्र कर्मी व दो बच्चे शामिल

टाटा सफारी का शीशा तोड़ और दरवाजे को काट कर सभी को निकाला गया
बेहतर इलाज के लिए घायल भुवनेश्वर भेजे गये
बड़बिल : जोड़ा थाना अंतर्गत देवझर स्थित जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड प्लांट से लौट रहे ट्रक ने खड़ी टाटा सफारी को पीछे से टक्कर मार दी, जिससे उसमें सवार आठ लोग घायल हो गये. घटना शुक्रवार रात 9.30 बजे की है. गाड़ी में जेएसपीएल के दो अधिकारी, सरकारी डॉक्टर, स्वास्थ्य केंद्र कर्मी व दो बच्चे सवार थे.
घटना में गंभीर रूप से हुए लोग शनिवार को बेहतर इलाज के लिए भुवनेश्वर रवाना हो गये. जानकारी अनुसार जेएसपीएल के अधिकारी बिलाइपड़ा निवासी उमाकांत बारीक, बिमलेंदु महतो, कालिका प्रसाद स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर, निशांत कुमार दास, वासुदेवपुर स्वास्थ्य केंद्र कर्मी पुन्नगा भूषण महतो, हेमाकांत महतो, सुधीर महतो और उमाकांत की बेटी और पुन्नगा भूषण का बेटा टाटा सफारी (जेएच 05 भी 7752) पर सवार हो कर देवझर पंचायत के सियाली जोड़ा गांव से किसी भोज में शामिल हो कर लौट रहे थे.
इस दौरान रेल मार्ग निकट अंडरपास पर जाम लगा हुआ था. इनकी गाड़ी के आगे और तीन ट्रक खड़े थे और सभी अंडरपास पर तैनात सुरक्षा कर्मी के ग्रीन सिग्नल का इंतजार कर रहे थे. तभी प्लांट से लौह अयस्क खाली कर लौट रहा तेज रफ्तार ट्रक (ओआर 09 एन 5356) ने सफारी को पीछे से जोरदार टक्कर मार दी. तेज टक्कर से सफारी आगे खड़े ट्रक से जा टकरायी,
जिससे सफारी गाड़ी के परखचे उड़ गये. इससे अंदर बैठे सभी लोग गाड़ी में ही फंस गये. घटना के बाद गाड़ी का शीशा तोड़ कर बच्चों और कुछ लोगों को बाहर निकाला गया. उमाकांत बारीक दो घंटे तक स्टेयरिंग में फंसे रहे. उन्हें दरवाजा को काट कर बाहर निकाला गया. शनिवार दोपहर उमाकांत बारीक और अन्य भुवनेश्वर इलाज के लिए रवाना हो गये.
सात दिनों में दूसरी दुर्घटना : प्लांट को आने वाले ट्रकों की कोई समय सीमा नहीं है. हर दिन नो इंट्री के बाद भी ट्रकें 24 घंटे गांव की सड़क पर तेज रफ्तार से दौड़ते रहते हैं. इस कारण आये दिन लोगों को जाम और दुर्घटना का सामना करना पड़ता है. ट्रक ड्राइवर की लापरवाही और नशे में गाड़ी चालने के कारण एक सप्ताह के अंदर ये दूसरी बड़ी दुर्घटना है.

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