रिश्वत लेने के दो आरोपियों की जमानत अर्जी नामंजूर
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प्रथम अपर जिला सत्र न्यायाधीश ने की सुनवाई
चांडिल में बिजली कनेक्शन देने के लिए मांगे थे घूस
चाईबासा : बिजली कनेक्शन और शौचालय निर्माण कार्य के लिए रिश्वत लेने के दो आरोपियों की जमानत अर्जी मंगलवार को प्रथम अपर जिला सत्र न्यायाधीश मनोज कुमार सिंह की अदालत ने नामंजूर कर दी. आरोपियों में विद्युत विभाग चांडिल के सहायक अभियंता समीर कुमार हांसदा व बहरागोड़ा के मुखिया चेतन सिंह शामिल हैं. चांडिल स्थित आनंद मार्ग आश्रम के आचार्य माही देवानंद के बयान पर 25 सितंबर 2017 मामला दर्ज हुआ था. इसमें बताया गया कि बिजली कनेक्शन के नाम पर समीर कुमार हांसदा ने साढ़े तीन हजार रुपये घूस मांगा. इसके बाद 1500 रुपये का रसीद देने की बात कही थी.
बाकी पैसे विभाग के अन्य साहब लेंगे. वह 25 सितंबर को पुन: कार्यालय गया तो उसे पैसे जमा करने के लिए कहा गया. उसने इसकी जानकारी भ्रष्टचार निगरानी ब्यूरो को दी. उसे रंगेहाथ रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया.
बहरागोड़ा के मुखिया ने मांगे थे तीन हजार रुपये घूस
दूसरी ओर आरोपी बहरागोड़ा के मुखिया चेतन सिंह ने लाभुक से शौचालय निर्माण के नाम पर 3000 रुपये रिश्वत मांगा था. लाभुक राजकुमार मन्ना को शौचालय निर्माण के लिए 12 हजार रुपये स्वीकृत हुआ था. पहली किस्त उसे 1000 हजार रुपये दिये गये. बाकी पैसे दिलाने के लिए मुखिया चेतन सिंह ने लाभुक से तीन हजार रिश्वत देने को कहा. इसके बाद लाभुक ने 6 सितंबर को इसकी जानकारी भ्रष्टाचार निगरानी ब्यूरो को दी. निगरानी ब्यूरो ने सात सितंबर को तीन हजार रुपये की रिश्वत लेते मुखिया को गिरफ्तार किया था.