दिल्ली में दर-दर की ठोकरें खाती रहीं प सिंहभूम की दो महिलाएं
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विधिक व सामाजिक संगठनों की मदद से लौटीं घर
काम के लालच में गयी थीं दिल्ली, वहां मिली ठोकरें
चाईबासा : वर्षों से गुम दो महिलाअों को डीएलएसए, समाज कल्याण विभाग एवं बाल संरक्षण इकाई की मदद से दिल्ली से सकुशल बरामद कर चाईबासा लाया गया है. इसमें जिला विधिक सेवा प्राधिकार के पीएलवी विकास दोदराजका ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी. जगन्नाथपुर निवासी अनीता (बदला हुआ नाम) करीब चार वर्ष पूर्व रोजगार के लालच में दिल्ली गयी थी, जहां उसने कुछ दिन तक किसी के घर में काम किया, लेकिन बाद में उसे वहां से निकाल दिया गया. काफी परेशानी झेलने के बाद दिल्ली पुलिस ने उसे अपने संरक्षण में लेकर दिल्ली की मातृ छाया गृह में भेज दिया, जहां वह काफी समय से थी.
इस बीच गृह अधिकारी सुश्री लिंडा ने उसके घर का पता लगाते हुए विधायक गीता कोड़ा से संपर्क किया. विधायक ने इसकी जानकारी पीएलवी श्री दोदराजका को देते हुए अनीता को वापस लाने की व्यवस्था करने को कहा. उन्होंने उसके परिजनों का पता लगाया. इसके बाद डीसी व एसपी द्वारा मुहैया करायी गयी पुलिस टीम के साथ अनीता की मां एवं चाइल्डलाइन के केंद्र समन्वयक जयदु करजी को दिल्ली भेजवाया. वहां शक्ति वाहिनी नामक गैर सरकारी संगठन के सहयोग से अनीता को लेकर टीम वापस लौट आयी है.
दूसरे मामले में नमिता (बदला हुआ नाम) बरकेला निवासी किसी मुन्नी नामक महिला के प्रलोभन में आकर सात वर्ष पूर्व दिल्ली गयी थी. इसके बाद काफी दिनों तक ठोकरें खाने के बाद उसने किसी की मदद से 100 नंबर पर फोन कर पुलिस को अपनी व्यथा सुनायी. पुलिस ने उसे तत्काल संरक्षण में लेकर इस मामले की सूचना महिला आयोग (नयी दिल्ली) को दी. आयोग ने नियोक्ता पर कार्रवाई करते हुए उससे पीड़िता को 2.17 लाख रुपये की राहत राशि भी दिलायी. दोनों महिलाएं अब घर लौट कर काफी खुश हैं.
वापस आने पर अनीता और नमिता को जिला विधिक सेवा प्राधिकार क सचिव कृष्णकांत मिश्रा, उपायुक्त अरवा राजकमल, पुलिस अधीक्षक अनीश गुप्ता ने उनके बेहतर भविष्य के लिए उन्हें सरकार द्वारा प्रदत्त सुविधाओं से जोड़ने व हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया.