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3 लाख के जेवर से भरा बैग लौटाया

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By Prabhat Khabar Digital Desk | December 13, 2017 5:31 AM

खलासी की गलती से बदल गया था बैग, पेश की इमानदारी की मिसाल

रंग एक होने के कारण खलासी ने जमशेदपुर निवासी दंपती को दे दिया था बैग
भुक्तभोगी ने पुलिस को दी बैग बदलने की सूचना, इंतजार करने को कहा गया
दूसरे दिन खुद जेवर भरा बैग लेकर पहुंचे दास दंपती, पुलिस के सामने लौटाया
चाईबासा : टेल्को (जमशेदपुर) निवासी विकास चंद्र दास और उनकी पत्नी गीता दास ने इमानदारी की मिसाल पेश करते हुए धनबाद के दंपती को तीन लाख रुपये के जेवर से भरा बैग वापस लौटा दिया. सोमवार को चाईबासा में बस से उतरने के दौरान खलासी की गलती के दौरान दोनों दंपतियों के बैग एक दूसरे अदली-बदली हो गये थे.
घटना के संबंध में मिली जानकारी के अनुसार धनबाद निवासी राघवेंद्र कुमार अपनी शादी की पहली सालगिरह पर पत्नी स्वीटी को लेकर चाईबासा के नीमडीह स्थित ससुराल आ रहे थे. जमशेदपुर आने के बाद वह भवानी शंकर बस पकड़कर चाईबासा आ रहे थे. उसी बस में टेल्को जमशेदपुर निवासी विकास चंद्र दास व उनकी पत्नी गीता भी सफर कर रही थीं. दोनों चाईबासा के सुभाष चौक टुंगरी में रहने वाले रिश्तेदार प्रभात चंद्र नंदा के घर में आयोजित शादी समारोह में भाग लेने पहुंचे थे.
दोनों यात्रियों का बैग खलासी ने बस की डिक्की में रखा था. सोमवार की दोपहर डेढ़ बजे चाईबासा पहुंचने पर विकास अपनी पत्नी के साथ बस स्टैंड के बाहर उतर गये. उन्हें खलासी ने गलती से राघवेंद्र का बैग दे दिया. हड़बड़ी तथा दोनों बैग का रंग एक होने के कारण विकास बैग को लेकर चले गये. रात को बरात निकलने के पूर्व विकास ने जब बैग खोला तो तो पता चला कि वह उनका बैग नहीं है.
उधर, बस स्टैंड पर उतरने के बाद ही राघवेंद्र को यह पता चल गया कि खलासी की गलती से उनका बैग किसी और के पास चला गया है. अपनी गलती पकड़े जाने के बाद खलासी फरार हो गया. राघवेंद्र ने घटना की सूचना पुलिस को दी. पुलिस ने शिकायत दर्ज करते हुए एक दिन इंतजार करने को कहा.
दूसरी ओर, विकास मंगलवार सुबह बरात से लौटने पर बदले हुए बैग के साथ बस स्टैंड पहुंचे तथा बस एजेंट ढूंढकर बैग लौटाने पुलिस के पास पहुंच गये. पुलिस ने राघवेंद्र तथा उनकी पत्नी को थाने बुलाकर दोनों को उनके बैग वापस दिलवा दिये.
शादी की सालगिरह मनाने धनबाद से चाईबासा ससुराल जा रहे दंपती का है बैग
डीएसपी ने विकास को किया सम्मानित
थाने में पुलिस की उपस्थिति में दोनों लोगों ने अपना-अपना बैग वापस लिया. इस दौरान उपस्थित डीएसपी प्रकाश सोय ने गुलदस्ता देकर विकास चंद्र दास की हौसला अफजाई की. उन्होंने कहा कि आज के समय में किसी का कुछ गुम हो जाये और उस चीज का सकुशल वापस मिल जाना बड़ी किस्मत की बात समझी जाती है. लेकिन आज भी ईमानदारी कहीं न कहीं विकास चंद्र दास जैसे लोगों के कारण जिंदा जरूर है.

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