मातृभाषा से बच्चों का बौद्धिक विकास : बिलुंग

चाईबासा. उत्क्रमित मध्य विद्यालय कटकरा में जनजातीय जीवन दर्शन संग्रहालय शुरू चाईबासा/चक्रधरपुर : जिले में संग्रहालय निर्माण तेजी से हो रहे हैं. यह बालक-बालिकाओं के बौद्धिक विकास में सहायक सिद्ध होंगे. उक्त बातें मुख्य अतिथि क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक (आरडीडीइ) अरविंद विजय बिलुंग ने कहीं. वे मंगलवार को गोइलकेरा के उत्क्रमित मध्य विद्यालय कटकरा में जनजातीय […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 20, 2017 2:47 AM

चाईबासा. उत्क्रमित मध्य विद्यालय कटकरा में जनजातीय जीवन दर्शन संग्रहालय शुरू

चाईबासा/चक्रधरपुर : जिले में संग्रहालय निर्माण तेजी से हो रहे हैं. यह बालक-बालिकाओं के बौद्धिक विकास में सहायक सिद्ध होंगे. उक्त बातें मुख्य अतिथि क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक (आरडीडीइ) अरविंद विजय बिलुंग ने कहीं. वे मंगलवार को गोइलकेरा के उत्क्रमित मध्य विद्यालय कटकरा में जनजातीय जीवन दर्शन पर आधारित जिले के पांचवें संग्रहालय के उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे. आरडीडीइ ने कहा संग्रहालय निर्माण का उद्देश्य बच्चों को अपनी भाषा व संस्कृति के माध्यम से शिक्षा ग्रहण कर सकें. उन्होंने हो महासभा केंद्रीय अध्यक्ष कृष्ण चंद्र बोदरा व पूर्व विधायक गुरुचरण नायक ने संग्रहालय का उद्घाटन किया.
कार्यक्रम में जिला परिषद सदस्य लक्ष्मण मेलगांडी, सांसद प्रतिनिधि आलोक रंजन, मनोहरपुर विधायक प्रतिनिधि अकबर खान, परिवर्तन दल के राज्य साधन सेवी पंकज महतो, हो भाषा के राज्य साधन सेवी कृष्णा देवगम ने संबोधित किया. मौके पर गोइलकेरा के प्रमुख चंद्र मोहन बोयपाई, बीइइओ डोमन मोची, राजेंद्र प्रसाद नेवार, रानी पूनम, मनोज कुमार, सुब्रत त्रिपाठी, यादव कालुंडिया, जगदीश सवैयां, शेखर तामसोय, हो कवि कमल लोचन कोड़ाह, सिमोन जोंको, मनोहर सामड, रमेश हेंब्रम, महेश चंद्र पुरती समेत विभिन्न अन्य उपस्थित थे.
गैर आदिवासी शिक्षकों को भी जनजातीय भाषा सीखना जरूरी
सम्मानित अतिथि हो महासभा के केंद्रीय अध्यक्ष कृष्ण चंद्र बोदरा ने कहा कि जिले के गैर आदिवासी शिक्षकों को भी जनजातीय भाषा सीखने व बोलने की आवश्यकता है. पूर्व विधायक गुरुचरण नायक ने कहा बच्चों को मातृभाषा में पढ़ाना अति आवश्यक है.
अतिथियों ने पारंपरिक व्यंजन लेटो का लुत्फ उठाया
अतिथियों का आदिवासी परंपरा से स्वागत हुआ. उन्हें पारंपरिक व्यंजन लेटो खिलाया गया. हाटगम्हरिया के शिक्षक राजेंद्र बिरुवा ने अशिक्षित रहने के नुकसान पर कविता सुनाया. सोनुवा स्थित हो सांस्कृतिक केंद्र के लक्ष्मण सामड ने सांस्कृतिक गीत सुनाया.

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