दिनभर चली शीतलहरी 3.6 डिग्री पर पहुंचा पारा

क्षेत्र में नहीं है रैन बसेरा, न अलाव की व्यवस्था चाईबासा/ जैंतगढ़ : जैंतगढ़ क्षेत्र कोल्हान का शिमला बन चुका है. 21 दिसंबर से ही क्षेत्र में पारा लुढ़कते हुए 4 डिग्री से नीचे पहुंच गया है. मंगलवार क्षेत्र में साल का सबसे ठंडा दिन रहा. सोमवार की रात न्यूनतम तापमान 3.6 डिग्री दर्ज हुआ. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 10, 2018 5:17 AM

क्षेत्र में नहीं है रैन बसेरा, न अलाव की व्यवस्था

चाईबासा/ जैंतगढ़ : जैंतगढ़ क्षेत्र कोल्हान का शिमला बन चुका है. 21 दिसंबर से ही क्षेत्र में पारा लुढ़कते हुए 4 डिग्री से नीचे पहुंच गया है. मंगलवार क्षेत्र में साल का सबसे ठंडा दिन रहा. सोमवार की रात न्यूनतम तापमान 3.6 डिग्री दर्ज हुआ. मंगलवार को पूरे दिन शीतलहरी चलती रही. उत्तर-पश्चिम की ओर से 10-20 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलती बर्फीली हवा ने सर्दी और बढ़ा दी. लोग हाड़ कंपाती ठंड से परेशान हैं तथा उन्हें दिन में भी आग तापना पड़ रहा है. हालांकि जैंतगढ़ व आसपास के क्षेत्रों में अबतक अलाव की व्यवस्था नहीं होने से लोग निराश हैं. क्षेत्र में कंबल भी अब तक आधे-अधूरे ही बंटे हैं. तीन दिन पूर्व ही एक वृद्ध की ठंड से मौत हो चुकी है.
शिक्षक पड़ रहे बीमार
शीतलहर से अबतक विद्यालयों के बच्चे ही बीमार पड़ रहे थे, लेकिन अब शिक्षक-शिक्षिकाएं भी इसकी चपेट में आने लगे हैं. शिक्षक शीतलहरी एवं ठंड के कारण दस्त के शिकार होने लगे हैं. चूंकि कई शिक्षक पंद्रह से बीस किलोमीटर चल कर विद्यालय पहुंचते हैं, लेकिन इसकी तैयारी उन्हें तड़के ही शुरू करनी होती है. बीते दिनों खूंटपानी प्रखंड के उलीगुट्टू मवि के शिक्षक हरिश्चंद्र सामड को ऐसे ही ठंड का शिकार होना पड़ा.

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