चाईबासा. त्रिवेणी कंस्ट्रक्शन के पोकलेन जलाने के मामले में चार गिरफ्तार
एक आरोपी के घर से बंदूक, गोलियां, डेटोनेटर, मोबाइल व पर्चा बरामद चाईबासा : पॉलिटेक्निक के छात्र संगठन बनाकर दो साल से नक्सलियों के नाम पर ठेकेदारों से लेवी मांग रहे थे. बीते 27 दिसंबर की रात इसी संगठन ने रेरो केनाल निर्माण में लगे त्रिवेणी कंस्ट्रक्शन के तीन पोकलेन को खूंटा गांव में जला […]
एक आरोपी के घर से बंदूक, गोलियां, डेटोनेटर, मोबाइल व पर्चा बरामद
चाईबासा : पॉलिटेक्निक के छात्र संगठन बनाकर दो साल से नक्सलियों के नाम पर ठेकेदारों से लेवी मांग रहे थे. बीते 27 दिसंबर की रात इसी संगठन ने रेरो केनाल निर्माण में लगे त्रिवेणी कंस्ट्रक्शन के तीन पोकलेन को खूंटा गांव में जला दिया था.
इस मामले में पुलिस ने चार युवकों को गिरफ्तार किया है. इसकी जानकारी सोमवार को एसपी अनीश गुप्ता ने प्रेस कांफ्रेंस में दी. एसपी ने कहा कि संगठन का सूत्रधार हाटगम्हरिया पॉलिटेक्निक का छात्र गोपाल मुंडा है. वह कुचाई का रहने वाला है. उसकी गिरफ्तारी के बाद मामले का खुलासा हुआ. पुलिस ने उसकी सूचना पर उसके सहपाठी कुचाई निवासी लांडुराम सोय, पुरुनिया निवासी बिंदेश्वरी दास और पठानमारा के प्रेमलाल गोडेसरा को गिरफ्तार किया है. गोडेसरा के घर से पुलिस ने लोहे व लकड़ी की बनी 315 बोर की एक रायफल, 315 बोर की एक जिंदा गोली, 7.62 एमएम की तीन जिंदा गोलियां, 37 पीस इलेक्ट्रॉनिक डेटोनेटर, तीन मोबाइल फोन, दो पर्चे व उसमें लिखने के लिये रखा एक पार्कर पेन जब्त
नक्सलियों के नाम…
किया है. एसपी ने बताया कि मामले में कुल 10 लोग शामिल थे जिनमें सालीगुटू निवासी सोमा लुगुन, बड़ा सेगोई निवासी टेका मुंडा, बादानी निवासी मनसा मुंडा, सिजानी निवासी कांडे मुंडा, डोरियाडम्बारी निवासी संतोषी मुंडा व बादानी निवासी जादु मुंडा शामिल हैं. सभी घटना के बाद से फरार हैं. इनकी गिरफ्तारी के लिये छापेमारी चल रही है.
एक मैसेंजर से दो संगठनों के नाम पर लेवी मांगी : श्री गुप्ता ने कहा कि यह संगठन दो साल से क्षेत्र में सक्रिय बताया जा रहा है. अब तक संगठन ने नक्सलियों के नाम पर कई ठेकेदारों से लेवी उठायी. पिछले दिनों किसी ठेकेदार से 50 हजार रुपये की लेवी उठायी. पहले यह संगठन पीएलएफआइ के नाम पर लेवी उठा रहा था. बाद में माओवादी के नाम से लेवी उठाना शुरू किया. इन्होंने त्रिवेणी कंस्ट्रक्शन से पांच करोड़ की लेवी मांगी थी. माओवादी के जोनल कमांडर महाराज प्रमाणिक व आजाद के नाम से मांगी थी.
एक साल पहले इसी ठेका कंपनी से पीएलएफआइ के नाम से लेवी मांगी थी. बीच में काम बंद होने के कारण कंपनी ने लेवी नहीं दी. पीएलएफआइ के नाम पर लेवी नहीं मिलने पर भाकपा माओवादी के नाम पर लेवी मांगी. एक ही मैसेंजर के जरिये दो अलग-अलग नक्सली संगठन के नाम पर लेवी मांगे जाने के कारण कंपनी लेवी नहीं दे रही थी. इसके कारण भय पैदा करने के लिये उन्होंने 27 दिसंबर की रात तीन पोकलेन को जला दिया. पुलिस ने प्राथमिक जांच में पाया कि घटना नक्सली नहीं है. इसके बाद पुलिस ने अभियान चलाकर चार आरोपियों को दबोचा.
अपराधियों का पूर्व में नक्सलियों के संपर्क होने का संदेह : संगठन का कार्यकलाप नक्सलियों की तरह होने के कारण पुलिस मान रही है कि गैंग के कुछ सदस्यों का पहले नक्सली संगठन से जुड़ाव रहा होगा. पुलिस इसकी जांच कर रही है. अभी तक गिरफ्तार आरोपियों के पूर्व में किसी तरह का आपराधिक मामला सामने नहीं आया है. संगठन को कहां से डेटोनेटर प्राप्त हुआ है, पुलिस इसकी जांच कर रही है.