केयू : समय पर नहीं आते हैं अधिकारी और कर्मचारी

सभी कार्यालयों में देर से पहुंचे सरकारी बाबू दावे व प्रयास के बीच नहीं दिखता है बेहतर रिजल्ट बायोमीट्रिक हाजिरी शुरू करने के बावजूद कोई लाभ नहीं चाईबासा : भारत में सरकारी कार्यालयों की लेटलतीफी आम बात है. इन सबके बीच सरकारें अक्सर सरकारी विभागों पर नकेल कसने का प्रयास व दावे करती रहीं हैं. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 19, 2018 5:23 AM

सभी कार्यालयों में देर से पहुंचे सरकारी बाबू

दावे व प्रयास के बीच नहीं दिखता है बेहतर रिजल्ट
बायोमीट्रिक हाजिरी शुरू करने के बावजूद कोई लाभ नहीं
चाईबासा : भारत में सरकारी कार्यालयों की लेटलतीफी आम बात है. इन सबके बीच सरकारें अक्सर सरकारी विभागों पर नकेल कसने का प्रयास व दावे करती रहीं हैं. इसके बावजूद यह कहने में कोई हिचकिचाहट नहीं है कि सरकारी कार्यालयों में लेटलतीफी हमारे सिस्टम में रच बस गया है. हालांकि इन सबके बीच कई बार ऐसे उदाहरण मिलते रहे हैं, जो विश्वास को बचाये हुए हैं. ऐसा ही कुछ हाल कोल्हान विश्वविद्यालय का है. प्रभात खबर ने गुरुवार को कोल्हान विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों में स्थिति देखी. आमतौर पर विश्वविद्यालय कार्यालय सुबह 10.30 बजे शुरू होना है.
कुलसचिव दफ्तर : 12 बजे तक था सन्नाटा
कोल्हान विश्वविद्यालय के कुल सचिव डॉ एसएन सिंह का दफ्तर सुबह 10.30 बजे खुला. कुलसचिव 12 बजे के बाद कार्यालय पहुंचे. हालांकि वे महिला कॉलेज के एक समारोह में विशिष्ट अतिथि के तौर पर गये थे. महिला कॉलेज में 11.30 बजे से कार्यक्रम आरंभ होना था.
जनरल सेक्शन : क्लर्क व शिक्षकेतर कर्मचारी भी रहे लेट
केयू के जनरल सेक्शन में कार्यरत क्लर्क व शिक्षकेतर कर्मचारी भी देर से पहुंचे. जनरल सेक्शन में कार्यरत क्लर्क की कुर्सी करीब एक घंटे तक खाली रही. वहीं क्लर्क के साथ शिक्षकेतर कर्मचारी भी देर से कार्यालय पहुंचे.
11.30 बजे तक अधिकांश दफ्तर रहे खाली
वित्त पदाधिकारी दफ्तर : 11:30 बजे तक खाली थी कुर्सी
विश्वविद्यालय के वित्त पदाधिकारी सुधांशु कुमार का दफ्तर समयानुसार खुला. लेकिन सुबह 11.30 बजे तक कुर्सी खाली थी. टेबुल पर फाइलें रखी हुई थी. मताहत से पूछे जाने पर उसने बताया कि साहब के नहीं रहने पर उनके दफ्तर के अंदर प्रवेश करने की इजाजत किसी को नहीं है. साहब कब आते हैं या कितने बजे जाते है. इसकी जानकारी उसे नहीं है.

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