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डेंजर! छत गिरने वाली है सावधान… लिखे भवन में परीक्षा दे रहे विद्यार्थी

आइटीआइ संस्थान चाईबासा की व्यवस्था खराब आइटीआइ चाईबासा में फिटर की प्रैक्टिकल परीक्षा में शामिल हुए 81 छात्र 30 से अधिक छात्र जान जोखिम में डाल परीक्षा देने को विवश चाईबासा : कोल्हान का इंजीनियरिंग शिक्षा केंद्र आइटीआइ संस्थान चाईबासा में प्रबंधन की लापरवाही के कारण यहां पढ़ रहे करीब 400 विद्यार्थी मौत के साये […]

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आइटीआइ संस्थान चाईबासा की व्यवस्था खराब

आइटीआइ चाईबासा में फिटर की प्रैक्टिकल परीक्षा में शामिल हुए 81 छात्र
30 से अधिक छात्र जान जोखिम में डाल परीक्षा देने को विवश
चाईबासा : कोल्हान का इंजीनियरिंग शिक्षा केंद्र आइटीआइ संस्थान चाईबासा में प्रबंधन की लापरवाही के कारण यहां पढ़ रहे करीब 400 विद्यार्थी मौत के साये में भविष्य की तलाश कर रहे हैं. संस्थान के प्रशिक्षण केंद्र में विभाग ने डेंजर जोन का नोटिस चिपका दिया है. इसके बावजूद विद्यार्थियों की परीक्षा उसी केंद्र में ली जा रही है. बुधवार को फिटर ट्रेड के तृतीय सेमेस्टर की प्रैक्टिकल परीक्षा हुई. इसमें 81 विद्यार्थी शामिल हुये. हालांकि 30 से अधिक छात्र ऐसे प्रशिक्षण केंद्र में परीक्षा दे रहे हैं, जहां कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है. ताज्जुब की बात है कि आइटीआइ संस्थान ने प्रैक्टिकल कक्ष के ब्लैकबोर्ड पर लिखा है- डेंजर वर्कशॉप, छत गिरने वाली है, सावधान… इसके बावजूद विद्यार्थियों का प्रशिक्षण कराया जाता है.
आवंटन नहीं मिलने की बात कह टाल रहे प्रभारी
विद्यार्थियों ने बताया कि डर-डर कर यहां प्रशिक्षण लेते हैं. संस्थान की भी मजबूरी है. संस्थान में ऐसा कोई भवन नहीं है, जहां प्रशिक्षण केंद्र शिफ्ट किया जा सके. प्रशिक्षण केंद्र को लेकर कई बार प्रभारी को शिकायत कर चुके हैं. आवंटन नहीं मिलने की बात कहकर टाल देते हैं.
रख-रखाव के अभाव में खराब हो रही मशीन : चाईबासा आइटीआइ में लगभग 400 से अधिक छात्र अध्ययन करते हैं. पिछला क्षेत्र होने के कारण यहां के विद्यार्थियों के लिये विशेष कीट भी दिया जाता है. फीटर की सारी मशीन केंद्र में उपलब्ध है, लेकिन रख रखाव में कमी के कारण नया सामान खराब हो जाता है. कुछ सामान अब भी बाहर पड़ा है. बारिश के दिनों में सारा सामान भींग जाता है. इनमें जंग लग रहा है.
मौत के साये में भविष्य तलाश रहे 400 विद्यार्थी
हम डर-डर कर यहां पढ़ाई करते हैं. संस्थान ने ब्लैकबोर्ड पर लिखकर सावधान होने की बात कही है. यदि कुछ होता तो पूरी जिम्मेदारी हमारी होगी. इसे जल्द सुधारना चाहिए.
मोरे किट्टू, छात्र, आइटीआइ संस्थान
दहशत के बीच प्रशिक्षण लेते हैं. हमेशा डर लगा रहता है कि कहीं छत गिर न जाये. मशीन उपलब्ध है, लेकिन बारिश के दिनों में भींग जाने से जंग लग जाता है.
राहुल कुमार, छात्र, आइटीआइ
आइटीआइ संस्थान ने कोल्हान में एक अलग पहचान बनायी है. जैसी स्थिति है इससे लगता हम मौत के साये में हैं. शिक्षकों ने नोटिस तक लिखकर रखा है.
कमेश्वर कुमार, छात्र, आइटीआइ
सरकार कौशल विकास के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च करती है, लेकिन संसाधन में सुधार नहीं हो रहा है. वर्षों से केंद्र का बुरा हाल है. मरम्मत नहीं हुई, तो कभी भी घटना हो सकती है.
अजय कुमार, छात्र, आइटीआइ संस्थान
छात्र जान जोखिम में डाल प्रशिक्षण ले रहे हैं. हमारी भी मजबूरी है. संस्थान में दो वार्कशॉप है, एक पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुका है. दूसरा भी बदहाल है. मरम्मत जरूरी है. आवंटित राशि वापस हो चुका है. एक बार फिर इस्टीमेट तैयार करने के बाद मरम्मत होगी.
खुर्शीद अलाम, सीआइ, आइटीआइ प्रशिक्षण केंद्र, चाईबासा
वर्ष 2015 में 23 लाख का आया आवंटन हुआ वापस
चाईबासा आइटीआइ के वार्कशॉप की मरम्मत के लिये वर्ष 2015 में सरकार ने करीब 23 लाख रुपये आवंटित किया था. इंजीनियर ने स्टीमेट बनाया. वर्ष 2017 में यदि मरम्मत होती तो लगभग दो लाख रुपये अधिक खर्च होते. इसके कारण सरकार को वापस भेज दिया गया. अब फिस स्टीमेट तैयार होने के बाद मरम्मत के लिये आवंटन राशि मिलेगी.

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