राप्रसे के अफसरों ने काला बिल्ला लगा किया काम

चांडिल/चाईबासा : जिला भू-अर्जन पदाधिकारी दीपू कुमार के साथ विधायक साधु चरण महतो द्वारा की गयी मारपीट के विरोध में चांडिल एवं चाईबासा समेत राज्य भर के प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों ने साेमवार को काला बिल्ला लगा कर काम किया. साथ ही झारखंड प्रशासनिक सेवा संघ (झासा) की ओर से मुख्य सचिव को अपनी मांगों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 6, 2018 4:01 AM

चांडिल/चाईबासा : जिला भू-अर्जन पदाधिकारी दीपू कुमार के साथ विधायक साधु चरण महतो द्वारा की गयी मारपीट के विरोध में चांडिल एवं चाईबासा समेत राज्य भर के प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों ने साेमवार को काला बिल्ला लगा कर काम किया. साथ ही झारखंड प्रशासनिक सेवा संघ (झासा) की ओर से मुख्य सचिव को अपनी मांगों से संबंधित ज्ञापन भी सौंपा गया है.

चांडिल एसडीओ भगीरथ प्रसाद ने कहा कि जबतक विधायक साधुचरण महतो की गिरफ्तारी नहीं होती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा. इधर, पश्चिम सिंहभूम के जिला पदाधिकारियों ने भी काला बिल्ल लगा कर कार्य किया. प्रशासनिक सेवा संघ के मुताबिक जब तक उनकी गिरफ्तारी नहीं होती, तब तक विरोध जारी रहेगा.
उपायुक्त कार्यालय में डीडीसी, एडीसी, सदर सीओ, बीडीओ समेत अन्य महत्वपूर्ण पदों के पदाधिकारियों ने काला बिल्ला लगाकर कार्यालय में कार्य किया. साथ ही उन्हें अवलिंब गिरफ्तारी करने की मांग की गयी.
मंगलवार को भी अधिकारी काला बिल्ला लगा कर विरोध प्रदर्शित करेंगे. उसके बाद आठ से 11 मार्च तक विधि व्यवस्था कार्य का बहिष्कार किया जायेगा. फिर भी मांगें नहीं मानी गयीं, तो 12 मार्च से बेमियादी हड़ताल शुरू हो जायेगी.
मांगों की अनदेखी कर रही है सरकार : झासा : झासा ने स्पष्ट कर दिया है कि उनकी मांगें नहीं मानी गयी, तो 12 मार्च से हड़ताल की जायेगी, जो राज्यव्यापी होगी. पूरे राज्य में झारखंड प्रशासनिक सेवा के सारे अधिकारी अनिश्चितकाल के लिए हड़ताल पर चले जायेंगे. हड़ताल में प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचलाधिकारी, कार्यपालक दंडाधिकारी से लेकर अनुमंडल पदाधिकारी, एडीएम व समकक्ष अधिकारियों के साथ ही सचिवालय में कार्यरत राज्य प्रशासनिक सेवा के सारे अधिकारी शामिल होंगे.
झासा के सदस्यों का कहना है कि बार-बार ईचागढ़ के विधायक की गिरफ्तारी की मांग को नजरअंदाज किया जा रहा है. सरकार झासा की दूसरी मांगों की भी अनदेखी कर रही है. पदाधिकारियों के साथ लगातार इस तरह की घटनाएं हो रही हैं. सरकार को पदाधिकारियों के हित में सकारात्मक कदम उठाना ही पड़ेगा.

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