भारी विरोध के कारण लौटी अतिक्रमण हटाने गयी टीम

चाईबासा : सदर अस्पताल परिसर स्थित सरकारी जमीन से अवैध कब्जा हटाने गयी जिला पुलिस की टीम को लोगों के विरोध के कारण वापस लौटना पड़ा. टीम अतिक्रमण हटाने के लिए जेसीबी व ट्रैक्टर लेकर पहुंची थी. बुधवार को चाईबासा सदर की अंचलाधिकारी सरोजिनी ऐनी तिर्की, नगर पर्षद के कार्यपालक पदाधिकारी नरेंद्र नारायण पुलिस बल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 8, 2018 5:24 AM

चाईबासा : सदर अस्पताल परिसर स्थित सरकारी जमीन से अवैध कब्जा हटाने गयी जिला पुलिस की टीम को लोगों के विरोध के कारण वापस लौटना पड़ा. टीम अतिक्रमण हटाने के लिए जेसीबी व ट्रैक्टर लेकर पहुंची थी. बुधवार को चाईबासा सदर की अंचलाधिकारी सरोजिनी ऐनी तिर्की, नगर पर्षद के कार्यपालक पदाधिकारी नरेंद्र नारायण पुलिस बल के साथ अतिक्रमण हटवाने के लिए अस्पताल कैंपस पहुंचे थे, लेकिन परिसर में रह रहे लोगों ने इसका विरोध किया.

लोगों का कहना था कि वे सभी सदर अस्पताल में अनुबंध पर साफ-सफाई का काम करते हैं. करीब 40-50 वर्षों से लोग अस्पताल कैंपस के खंडहरनुमा क्वार्टरों में किसी तरह प्लास्टिक आदि डालकर रह रहे हैं, जबकि करीब 15 परिवार अपने स्तर से मिट्टी के मकान बनाकर भी रहे हैं. लोगों कहना है कि जिला प्रशासन बुधवार को बिना सूचना दिये अतिक्रमण हटाने के लिए पहुंच गया. रूपेश करुआ ने कहा कि जिले के प्रशासनिक अधिकारी ने अचानक आकर घर खाली करने को कहा. सदर अस्पताल प्रबंधन की ओर से भी कोई नोटिस उन्हें नहीं मिला है.

लोगों की शिकायत पर नप उपाध्यक्ष के मिथिलेश कुमार ठाकुर के छोटे भाई विनय ठाकुर अस्पताल कैंपस पहुंचे. श्री ठाकुर ने कहा कि ये सरकार की कहां की इंसाफी है. पहले गरीबों को पुनर्वास किया जाए उसके बाद ही उसे हटाया जाए.
15 दिनों का दिया दुकान व घर खाली करने समय अस्पताल प्रबंधन द्वारा 15 दिनों के अंदर अस्पताल परिसर में सरकारी जमीन का अतिक्रमणमुक्त करने का समय दिया गया है. यदि 15 दिनों के अंदर लोगों द्वारा स्वयं अतिक्रमणमुक्त नहीं किया तो बलपूर्वक हटाया जायेगा. अस्पताल प्रबंधन समिति के सदस्य जिप अध्यक्ष लालमुनि पूर्ति, सिविल सर्जन डॉ हिमांशु भूषण बरवार व समिति के अन्य सदस्यों द्वारा छह माह पूर्व अस्पताल कैंपस का निरीक्षण किया था.
निरीक्षण के दौरान अस्पताल परिसर में सरकारी जमीन पर कुछ लोगों द्वारा अवैध कब्जा कर दुकान व घर का निर्माण पाया गया. इसके बाद जिप अध्यक्ष ने सिविल सर्जन को अतिक्रमणमुक्त करने को कहा गया. सिविल सर्जन द्वारा अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए सदर अंचलाधिकारी से पत्राचार किया गया था.

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