आदिवासी कलाकारों ने मंच पर उतारा सदियों का भारत
नोवामुंडी : ओर माइंस ऐंड क्वैरीज (ओएमक्यू) की ओर से बुधवार को स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, नोवामुंडी में पहली बार आदिवासी संगीत सम्मेलन ’सारजोम बा’ (साल का पेड़) का आयोजन किया गया. कार्यक्रम के उदघाटन समारोह को संबोधित करते हुए जीएम पंकज सतीजा ने कहा कि यह कार्यक्रम कर्मचारियों और समुदायों की संस्कृति और रीति-रिवाजों को सम्मानित […]
नोवामुंडी : ओर माइंस ऐंड क्वैरीज (ओएमक्यू) की ओर से बुधवार को स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, नोवामुंडी में पहली बार आदिवासी संगीत सम्मेलन ’सारजोम बा’ (साल का पेड़) का आयोजन किया गया. कार्यक्रम
के उदघाटन समारोह को संबोधित करते हुए जीएम पंकज सतीजा ने कहा कि यह कार्यक्रम कर्मचारियों और समुदायों की संस्कृति और रीति-रिवाजों को सम्मानित व प्रोत्साहित करने के सिद्धांतों पर आधारित है. सारजोम बा’ एक और पहल है, जो वर्तमान और भविष्य के स्थायी व समावेशी समाज के निर्माण
में योगदान देगा. इसमें आदिवासी समुदाय की
भागीदारी और विभिन्न आदिवासी संगठनों के सहयोग को देख कर मुझे अपार खुशी हो रही है. सम्मेलन में कुल 465 आदिवासी संगीतकार समेत झारखंड के प्रसिद्ध थिएटर कलाकार जीतराय हांसदा ने जनजातीय संगीत से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया.
आदिवासी हो समाज महासभा, चाईबासा और आदिवासी एसोसिएशन, नोवामुंडी ने सक्रिय भूूमिका निभायी. वाद्ययंत्रों के साथ जुड़े इतिहास को दर्शाने के लिए मांदर, तीरियो, सखवा, बनम, हो बुआंग, संथाली ढाक, खद्रा और नगाड़ा आदि की प्रदर्शनी भी की गयी. इस संगीत समागम में नोवामुंडी और उसके आसपास के करीब 3000 लोगों ने आदिवासी संगीत का आनंद उठाया.