नक्सलियों के सबसे बड़े गढ़ में CRPF के 300 जवानों का सबसे बड़ा ऑपरेशन, 7 दिन से चल रही है मुठभेड़

चाईबासा (पश्चिमी सिंहभूम): झारखंडके पश्चिमी सिंहभूम में स्थित कोल्हान के जंगलों में पहली बार सुरक्षा बलों ने नक्सलियों के खिलाफ सघन अभियान छेड़ दिया है. सुरक्षाबलों का दावा है कि बड़े पैमाने पर नक्सलियों को नुकसान पहुंचा है, लेकिन दुश्मन को हुए नुकसान का अब तक कोई पुख्ता सबूत सामने नहीं आया है. इस बीच, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 21, 2018 2:13 PM

चाईबासा (पश्चिमी सिंहभूम): झारखंडके पश्चिमी सिंहभूम में स्थित कोल्हान के जंगलों में पहली बार सुरक्षा बलों ने नक्सलियों के खिलाफ सघन अभियान छेड़ दिया है. सुरक्षाबलों का दावा है कि बड़े पैमाने पर नक्सलियों को नुकसान पहुंचा है, लेकिन दुश्मन को हुए नुकसान का अब तक कोई पुख्ता सबूत सामने नहीं आया है. इस बीच, नक्सलियों के हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के कोबरा बटालियन के तीन जवान घायल हो चुके हैं. शुक्रवार को नक्सलियों ने लाइट मशीन गन से फायरिंग की, जिसमें दो गोली दो जवानों के पैरों में लगी.

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इसके बाद सुरक्षा बलों ने अपना अभियान और तेज कर दिया. पहली बार झारखंड में कोबरा के जवानों ने अंडर बैरल ग्रेनेड लाउंचर (UBGL) से नक्सलियों के ठिकानोंपर हमले किये. आमतौर पर UBGL इसका इस्तेमाल जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों से निबटने में किया जाता है. इस हथियार से 50 मीटर के दायरे में बने किसी भी बंकर या छिपने की जगह को ध्वस्त किया जा सकता है.

ज्ञात हो कि रोवम और गोइलकेरा के सांगाजाटा के बीच जहां मुठभेड़ चल रही है, नक्सलियों का सबसे सुरक्षित ठिकाना था. इस क्षेत्र में कभी पुलिस घुसी ही नहीं. यहां तक कि इस इलाके में कोई पुलिस कैंप भी नहीं बनाया गया आज तक. झारखंड सरकार के नक्सलवाद के समूल नाश के संकल्प के तहत सुरक्षा बलों ने पूरे प्रदेश में नक्सलियों के खिलाफ सघन अभियान छेड़ रखा है.

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उल्लेखनीय है कि इस जंगल में 50 पहाड़ी हैं, जिसमें से 3 पर अब भी नक्सलियों का कब्जा है. इनमें एक पहाड़ी पराल भी है, जहां से नक्सलियों ने फायरिंग कर शुक्रवार को दो जवानों को घायल कर दिया. हालांकि, सीआरपीएफ की तीन बटालियनों ने पूरी रणनीति के तहत नक्सलियों पर धावा बोला है. उधर, एक बटालियन को रिजर्व रखा गया है. सांगाजाटा के जंगल में विपरीत परिस्थितियों में नक्सलियों से लोहा लेने वाले कुछ जवानों को छठे दिन रिप्लेस भीकिया गया. उनकी जगह अन्य जवानों को अभियान में शामिल किया गया है.

सूत्रों का कहना है कि नक्सलियों के आका अपने कैडरों की आड़ में छिपे हुए हैं. सुरक्षा बलों के जवान उनका सुरक्षा चक्र तोड़कर उन तक पहुंचने की जी-तोड़ कोशिश कर रही है. सुरक्षा बलों की कार्रवाई से नक्सली भी सहम गये हैं.

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