क्षेत्र के झोला छाप डॉक्टरों की चांदी, मवेशी मालिकों की बढ़ी परेशानी
नोवामुंडी : मौसम में अचानक हो रहे बदलाव के कारण नोवामुंडी के दर्जनों गांव में मवेशी संक्रामक बीमारी की चपेट में हैं. मवेशियों के खुर (पैर) में घाव होने के साथ जीभ से लगातार लार टपक रहा है. इसके कारण मवेशी खाना पीना बंद कर दे रहे हैं. मवेशियों में बीमारी को लेकर ग्रामीण परेशान […]
नोवामुंडी : मौसम में अचानक हो रहे बदलाव के कारण नोवामुंडी के दर्जनों गांव में मवेशी संक्रामक बीमारी की चपेट में हैं. मवेशियों के खुर (पैर) में घाव होने के साथ जीभ से लगातार लार टपक रहा है. इसके कारण मवेशी खाना पीना बंद कर दे रहे हैं. मवेशियों में बीमारी को लेकर ग्रामीण परेशान हैं. कुछ ग्रामीण इसे दैवीय प्रकोप जैसे अंधविश्वास के चक्कर में मुर्गों की बलि देकर पूजा-पाठ कर रहे हैं. वहीं क्षेत्र के झोला छाप डॉक्टरों की चांदी है.
इन गांवों के मवेशी चपेट में : नोवामुंडी के गितीकेंदू, पोखरपी, सिलदौरी, बड़ापासेया, बुरुबोड़ता, कितांगतोड़ांग, जामजूई, लंपाहेसा समेत कई गांवों के मवेशी संक्रामक बीमारी चपेट में है.
सभी गांवों में जाकर होगा टीकाकरण : डॉ कुंदन
पशु चिकित्सक डॉ कुंदन कुमार ने बताया कि संक्रामक बीमारियों से बचाव के लिए संभवतः पशुओं में टीकाकरण कराया गया है. बोदरा नामक कर्मी से कंफर्म करना पड़ेगा. जिन गांवों में टीकाकरण नहीं हो सका है. वहां जाकर मवेशियों का टीकाकरण कराया जायेगा.