सारंडा : लिफ्ट इरिगेशन से बदल सकती है दर्जनों गांवों की किस्मत

सालभर खेती होने से क्षेत्र से पलायन भी रुकेगा मधु कोड़ा ने कई गांवों में शुरू करायी थी योजना दो गांवों में कार्य लगभग पूरा हो चुका था, बाद में रुक गया किरीबुरू : लिफ्ट इरिगेशन के दिशा में सरकार की सकारात्मक प्रयास से नक्सल प्रभावित सारंडा की छोटानागरा पंचायत के तितलीघाट, सोनापी, जोजोगुटु, जामकुंडिया, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 24, 2018 5:56 AM

सालभर खेती होने से क्षेत्र से पलायन भी रुकेगा

मधु कोड़ा ने कई गांवों में शुरू करायी थी योजना
दो गांवों में कार्य लगभग पूरा हो चुका था, बाद में रुक गया
किरीबुरू : लिफ्ट इरिगेशन के दिशा में सरकार की सकारात्मक प्रयास से नक्सल प्रभावित सारंडा की छोटानागरा पंचायत के तितलीघाट, सोनापी, जोजोगुटु, जामकुंडिया, छोटानागरा, बाइहातु आदि गांव के सैकड़ों एकड़ भूमि पर साल भर खेती हो सकती है. ऐसे में यहां के किसानों की मुस्कान लौट सकती है. वहीं बेरोजगार को लेकर हो रहे पलायन रुकेगा. पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा ने मंत्री रहते हुये तितलीघाट, जोजोगुटु, सोनापी और जामकुंडिया गांव के करीब एक सौ एकड़ भूमि पर साल भर खेती के लिए लिफ्ट इरिगेशन शुरू कराया था. तितलीघाट व जोजोगुटु गांव में लगभग कार्य पूर्ण हो गया था. कुछ काम नहीं होने से इसका लाभ किसानों को नहीं मिल पाया.
किसान आज भी वर्षा आधारित खेती पर निर्भर हैं. तितलीघाट व जोजोगुटु गांव में कोयना नदी के किनारे डीजल पंप सेट बनाकर खेतों में पानी पहुंचाने की व्यवस्था की थी. इसके लिये डीजल पंप सेट भी दिये गये थे. यह योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गयी.
योजना पूर्ण नहीं होने का मलाल : मानकी
सारंडा पीढ़ के मानकी लागुड़ा देवगम ने बताया कि खेतों में पाइप बिछाने के लिये ग्रामीणों ने बिना मजदूरी लिये गड्ढे खोदे. कुछ पाइप भी बिछाये. यह योजना पूर्ण नहीं हो सकी. इसका मलाल है. अगर सरकार आज भी यह कार्य पूर्ण करा दे तो सैकड़ों एकड़ जमीन पर साल भर धान, रबी, दलहन, साग-सब्जी आदि की खेती की जा सकती है.

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