रैयतों तक नहीं पहुंचा मुआवजा जमीन की अड़चन बनी बाधा
गोइलकेरा : चक्रधरपुर से गोइलकेरा के लिए बन रही करोड़ों रुपये टेंडर की मुख्य पथ निर्माण साल भर बाद भी पूरी नहीं हुई है. रैयतों का बकाया मुआवजा व जमीन विवाद के कारण उक्त सड़क निर्माण अब भी एक किमी से अधिक अधूरी है. संवेदक अपने कार्य को अंतिम रूप देने में लग गये हैं […]
गोइलकेरा : चक्रधरपुर से गोइलकेरा के लिए बन रही करोड़ों रुपये टेंडर की मुख्य पथ निर्माण साल भर बाद भी पूरी नहीं हुई है. रैयतों का बकाया मुआवजा व जमीन विवाद के कारण उक्त सड़क निर्माण अब भी एक किमी से अधिक अधूरी है. संवेदक अपने कार्य को अंतिम रूप देने में लग गये हैं लेकिन महज 14 किमी की सोनुवा-गोइलकेरा दूरी में ही दो जगहों पर सड़क निर्माण कार्य पेच में फंसी हुई है. कंस्ट्रक्शन कंपनी ने गोइलकेरा सीमाना तक सड़क निर्माण कर लिया है.
गोइलकेरा बाईपास निकालने पर फंसी पेच : दरअसल सड़क निर्माण चक्रधरपुर से गोइलकेरा के पावर ग्रिड स्टेशन तक होना था. सड़क को गोइलकेरा बाईपास से बालिका मवि के पास से एवं हाट बाजार के समीप से मार्शल चौक होते हुए ग्रिड तक जानी है. लेकिन उक्त बाईपास सड़क में करीब पांच रैयतों के जमीन व घर आ रहे हैं. जिस पर ग्रामीणों ने विरोध के स्वर मुखर कर दिए हैं. कई बार बातचीत से हल निकालने का प्रयास किया गया, लेकिन नहीं निकला.
बीच अधर में लटकी गोइलकेरा:
जमीन विवाद के कारण गोइलकेरा बाजार घुसने वाली मुख्य पथ भी जर्जर अवस्था में है.सड़क अधर में लटक गया है. जिस कारण गोइलकेरा मुख्य सड़क से आवागमन प्रभावित हो रहा है. संकीर्ण मेन रोड के कारण आए दिन जाम की समस्या बनी रहती है.
ग्रामीणों ने राज्यपाल तक को भेजा त्राहिमाम संदेश :
बाईपास सड़क निर्माण को लेकर क्रिस्तान टोली के लोगों ने राज्यपाल के नाम त्राहिमाम संदेश भी भेजा है. जिसमें आदिवासियों के जमीन पर बने घर टूटने को लेकर संदेश भेजे गये है.
झाड़गांव में भी अधूरी है पुल:
सोनुवा से महज सात किमी की दूरी पर झाड़गांव गांव में भी पुल निर्माण के बाद कार्य रूके हुए हैं. वहां भी नई पुल बनकर तैयार है, लेकिन संवेदक ने उसे मुख्य पथ से अब तक नहीं जोड़ा है. उक्त जगह पर भी मुआवजा को लेकर मामला लंबित पड़ हुआ है.
बरसात में ठप पड़ सकती है सोनुवा-गोइलकेरा पथ :
बरसात में सोनुवा गोइलकेरा पथ में आवागमन ठप पड़ सकता है. झाड़गांव में संजय नाले पर बनी पुरानी पुल जर्जर अवस्था में हैं. पुल टूटने की कगार पर हैं. इतना ही नहीं एक घंटे की बरसात में पानी का बहाव पूल के ऊपर से होने लगता है.
बाईपासा विवाद में जिसकी जमीन जानी है
रैयत मंगल होरो 0.05 एकड़ जमीन
रैयत धनकुंवर मुंडा 0.655 एकड़
रैयत सुलेमान धान 0.60 एकड़
रैयत विलोम जामुदा, बिलसन जाामुदा 0.45 एकड़
रैयत छोटी शनिचरणी भुईयांनी 0.26 एकड़
रैयतजमी मसीह क्रिस्तान,ओमराम क्रिस्तान 0.12 एकड़