5000 घूस लेते एएसआइ को एसीबी ने दबोचा
चाईबासा : एसीबी की टीम ने मंगलवार को झींकपानी थाना के एएसआइ विजय कुमार को 5000 रुपये घूस लेते हुए झींकपानी इंजीनियरिंग कॉलेज स्थित चाय दुकान के पास से रंगेहाथ गिरफ्तार किया.एएसआइ की गिरफ्तारी तब हुई, जब वह सड़क दुर्घटना के एक मामले में जमानत देने व जब्त बाइक को छोड़ने के नाम पर मुफस्सिल […]
चाईबासा : एसीबी की टीम ने मंगलवार को झींकपानी थाना के एएसआइ विजय कुमार को 5000 रुपये घूस लेते हुए झींकपानी इंजीनियरिंग कॉलेज स्थित चाय दुकान के पास से रंगेहाथ गिरफ्तार किया.एएसआइ की गिरफ्तारी तब हुई, जब वह सड़क दुर्घटना के एक मामले में जमानत देने व जब्त बाइक को छोड़ने के नाम पर मुफस्सिल थानांतर्गत कबरागुटू निवासी रूप सिंह सुंडी से रिश्वत ले रहा था. उसके पास से घूस के रूप में ली गयी रकम बरामद की गयी है. टीम उसे एसीबी कार्यालय, जमशेदपुर लेकर चली गयी. टीम में एसीबी के छह सदस्य व दो दंडाधिकारी शामिल थे.
30 हजार रुपये मांगे थे, 10 हजार वसूल चुका था: जानकारी के अनुसार, 14 मई को चोया गांव के पास शिकायकर्ता रूप सिंह सुंडी के पिता जर्मन सुंडी की बाइक (जेएच06ई0264) से अमूल्या कुमार गंभीर रूप से घायल हो गया था. बाद में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी थी. इस मामले में पुलिस ने लापरवाही से बाइक चलाने का केस दर्ज करते हुए बाइक को जब्त कर लिया था. एएसआइ विजय कुमार को केस का अनुसंधानकर्ता बनाया गया था. इस केस में जमानत देने तथा जब्त बाइक छोड़ने के नाम पर एएसआइ ने रूप सिंह सुंडी से 30 हजार रुपये की मांग की थी. एएसआइ रूप सिंह सुंडी से 10 हजार रुपये वसूल चुका था.
चाय दुकान में ले रहा था घूस : शेष राशि 20 जून को देना तय हुआ था. इसी बीच रूप सिंह ने इसकी शिकायत एसीबी में कर दी. उसकी शिकायत पर एसीबी ने मामले की छानबीन की. शिकायत पुख्ता होने पर एसीबी की टीम ने एएसआइ को गिरफ्तार करने की योजना बनायी. तय रणनीति के तहत रूप सिंह एएसआइ को देने के लिए पांच हजार रुपये लेकर झींकपानी पहुंचा और उससे संपर्क किया. एएसआइ ने उसे झींकपानी इंजीनियरिंग कॉलेज स्थित चाय दुकान के पास बुलाया. रूप सिंह सुंडी से रुपये लेकर जैसे ही एएसआई पॉकेट में रख रहा था, उसी दौरान एसीबी ने उसे गिरफ्तार कर लिया.
धान और अरहर दाल बेच कर जुटायी थी रकम : सीता सुंडी : रूप सिंह सुंडी की परिजन सीता सुंडी ने बताया कि एएसआइ विजय कुमार ने जमानत देने तथा जब्त बाइक छोड़ने के नाम पर 30 हजार रुपये की मांग की थी. इनमें से वह 10 हजार रुपये दे चुकी थी. शेष राशि 20 जून को देना था. उन्होंने बताया कि धान और अरहर दाल बेचकर बड़ी मुश्किल से उसने एएसआइ को पैसे देने के लिए जुटाये थे.