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राजकीय सम्मान के साथ बागुन दा की अंत्येष्टि, विवाद के बाद दो पत्नियों की कब्र के बीच दफनाये गये

चाईबासा : झारखंड की राजनीति के भीष्म पितामह कहे जाने वाले बागुन सुम्ब्रुई का अंतिम संस्कार शनिवार शाम 3.55 बजे राजकीय सम्मान के साथ उनके पैतृक गांव भूता में किया गया. पांच बार सांसद व चार बार विधायक रहे बागुन बाबू को जिला प्रशासन ने तिरंगा ओढ़ा कर अंतिम विदाई दी. पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के […]

चाईबासा : झारखंड की राजनीति के भीष्म पितामह कहे जाने वाले बागुन सुम्ब्रुई का अंतिम संस्कार शनिवार शाम 3.55 बजे राजकीय सम्मान के साथ उनके पैतृक गांव भूता में किया गया. पांच बार सांसद व चार बार विधायक रहे बागुन बाबू को जिला प्रशासन ने तिरंगा ओढ़ा कर अंतिम विदाई दी.
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार बागुन को चाईबासा के नीमडीह स्थित उनके आवास में दफनाया जाना था लेकिन इस पर उनके गांव के लोग राजी नहीं हुए. गांववालों की जिद के आगे सबको झुकना पड़ा और अंतत: आदिवासी रीति-रिवाज से उन्हें उनकी पहली पत्नी स्व दयामति सुम्ब्रुई एवं दूसरी पत्नी स्व मुक्तिदानी सुम्ब्रई की कब्रों के बीच में कुसुम पेड़ के नीचे दफनाया गया.
बागुन बाबू का पार्थिव शरीर जमशेदपुर से सुबह 11.30 बजे अंतिम संस्कार के लिए चाईबासा लाया गया. पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत नीमडीह स्थित उनके अावास में सुबह से ही कब्र के लिए गड्ढे की खुदाई शुरू हो चुकी थी. शव को सबसे पहले बागुन के पुत्र हिटलर सुम्ब्रुई के आवास ले जाया गया जहां परिजनों ने बागुन बाबू को श्रद्धांजलि दी. वहां से 12 बजे कांग्रेस भवन ले जाया गया, जहां कांग्रेसियों तथा अन्य नागरिकों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. कांग्रेस भवन से बागुन के पार्थिव शरीर को पैतृक गांव भूता भ्रमण के लिए ले जाया गया.
तय कार्यक्रम के अनुसार भूता से लौटने के बाद चाईबासा में पार्थिव शरीर का भ्रमण कराना था, तब अंतिम संस्कार होना था. लेकिन पार्थिव शरीर के गांव पहुंचते ही ग्रामीणों ने उसे रोक लिया और गांव में ही दफनाने पर अड़ गये. ग्रामीणों की जिद को देखते हुए भूता गांव में कुसुम पेड़ के नीचे उनकी दोनों पत्नियों की कब्रों के बीच कब्र खोदी गयी. गांव में भ्रमण कराने के बाद सूर्यास्त के पूर्व राजकीय सम्मान के साथ बागुन के पार्थिव शरीर को दफनाया गया.
अंतिम संस्कार के अवसर पर पश्चिमी सिंहभूम जिले के उपायुक्त अरवा राजकमल, एसपी मयूर पटेल कन्हैयालाल, डीएसपी प्रकाश सोय, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय, पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा, पश्चिमी सिंहभूम के सांसद लक्ष्मण गिलुवा, टीएसी सदस्य जेबी तुबिद, चक्रधरपुर विधायक शशिभूषण सामड, पूर्व विधायक बहादुर उरांव, पूर्व सांसद कृष्णा मार्डी, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता केके शुक्ला, अमरजीत नाथ मिश्रा, समानतो कुमार, रमेश्वर प्रसाद, जितेंद्र सिंह, कमलेश्वर कुमार पांडेय, जगन्नाथपुर के पूर्व विधायक मंगल सिंह बोंगबोगा, चक्रधरपुर के पूर्व विधायक सुखराम उरांव, चाईबासा विधायक दीपक बिरूवा, सरायकेला विधायक चंपई सोरेन आदि उपस्थित थे. इधर बागुन सुम्ब्रई का शव चाईबासा पहुंचने पर पुत्र हिटलर सुम्ब्रई के घर पर सर्वप्रथम 3.5 वर्षीय पोते ने श्रद्धांजलि दी. जिसके बाद 5 वर्षीय पोती ने दादा को कफन ओढ़ा कर व फूल-माला चढ़ा कर श्रद्धांजलि दी.
तिलक पुस्तकालय में रो पड़ी बेटी
जमशेदपुर : तिलक पुस्तकालय में पिता का शव देख बागुन सुम्ब्रुई की पुत्री रो पड़ीं. टीएमएच में श्रद्धांजलि अर्पित करने वालों में बन्ना गुप्ता, संजय यादव, रामाश्रय प्रसाद, परविंदर सिंह, जीतेंद्र सिंह, केके शुक्ल, कमलेश पांडेय, रीना घटक, अमित तथा तिलक पुस्तकालय में आनंद बिहारी दूबे, राकेश्वर पांडेय, बलदेव सिंह, सामंतों कुमार, संजय सिंह आजाद, सीताराम चौधरी, राकेश तिवारी, पारितोष सिंह, उषा यादव, संजीव रंजन, उषा सिंह, शिखा चौधरी, रविंद्र झा, विजय यादव, गोपाल प्रसाद, सुशील घोष, अमरजीत नाथ मिश्रा समेत अन्य के अलावा झाविमो जिला अध्यक्ष बबुआ सिंह ने भी श्रद्धांजलि अर्पित की. इधर, कदमा भाटिया बस्ती में बंगाली फिल्म एसोसिएशन ने शोक सभा आयोजित कर बागुन सुंम्ब्रुई को श्रद्धांजलि अर्पित की अौर दो मिनट का मौन रखा. शोक सभा में नगर अध्यक्ष साधना चक्रवर्ती, महामंत्री झूमा दास, पपाई चक्रवर्ती, मौसमी महतो, सुष्मिता चक्रवर्ती, मोमिता चक्रवर्ती समेत अन्य लोग मौजूद थे.
डीसी-एसएसपी, पूर्व मंत्री समेत शहर के लोगों ने बागुन दा को दी अंतिम विदाई
जमशेदपुर: सिंहभूम के पूर्व सांसद बागुन सुम्ब्रई को शनिवार को जिला प्रशासन के साथ-साथ शहर के गणमान्य लोगों ने टीएमएच पहुंच कर अंतिम विदाई दी तथा ‌उनके प्रार्थिव शरीर पर माल्यार्पण किया. श्रद्धांजलि अर्पित करने वालों में उपायुक्त अमित कुमार, एसएसपी अनूप बिरथरे, पूर्व मंत्री बन्ना गुप्ता, प्रशासनिक व पदाधिकारियों के अलावा पूर्व मंत्री बन्ना गुप्ता समेत शहर के कई लोग शामिल थे. शुक्रवार की शाम बागुन सुंम्ब्रई का टीएमएच में निधन हो गया था. शनिवार की सुबह सवा नौ बजे शव को पश्चिम सिंहभूम ले जाने के पूर्व टीएमएच में अंतिम दर्शन के लिए रखा गया.
टीएमएच में वरिष्ठ कांग्रेसी नेता रामाश्रय प्रसाद, परविंदर सिंह समेत शहर अन्य लोगों ने श्रद्धांजलि अर्पित की. इसके बाद शव को अंतिम दर्शन के लिए कांग्रेस के जिला मुख्यालय तिलक पुस्तकालय में रखा गया. तिलक पुस्तकालय में आनंद बिहारी दूबे, बलदेव सिंह, सरदार महेंद्र सिंह समेत कई कांग्रेसियों ने श्रद्धांजलि अर्पित की तथा कांग्रेस का झंडा अोढ़ाया. वहीं तिलक पुस्तकालय में पार्टी का झंडा तीन दिन झुका रहेगा. तिलक पुस्तकालय में श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद परिवार के लोग शव को लेकर पश्चिम सिंहभूम के लिए रवाना हो गये. उनके साथ बड़ी संख्या में कांग्रेसी पश्चिम सिंहभूम गये.
बागुन सुम्ब्रुई का निधन कांग्रेस के लिए शोक की घड़ी : राहुल गांधी
जमशेदपुर. कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने पूर्व सांसद बागुन सुम्ब्रुई के निधन पर शोक जताया है. उन्होंने ट्विट कर कहा है कि झारखंड की सच्चाई, सादगी अौर विनम्रता की मिसाल, आदिवासी समाज की आवाज, गांधी के विचारों के सच्चे शिष्य बागुन सुंम्ब्रुई का निधन पूरे कांग्रेस परिवार के लिए शोक की घड़ी है. उनकी संवेदनाएं उनके सभी परिवारजनों के साथ है. बताया जाता है कि राहुल गांधी ने परिजनों से बात कर ढांढ़स बंधाया है.
समझौते की राजनीति नहीं कर बेबाक लड़ाई लड़ी बागुन दा ने : सुबोधकांत
चाईबासा. समझौते की राजनीति नहीं करने वाले व बेबाक लड़ाई लड़ने वाले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बागुन दा के जाने से पार्टी को क्षति पहुंची है. उक्त बातें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सह पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने शनिवार को सदर प्रखंड के भूता गांव में पूर्व सांसद बागुन सुम्ब्रुई को श्रद्धांजलि देने के पश्चात कहीं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी का एक बड़ा चेहरा हमारे बीच से चला गया है. वे पांच बार सांसद, चार बार विधायक व सभापति के सहित पार्टी के कई पदों पर रह चुके थे.

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