किरीबुरू : कश्मीर में बंधक बने 23 मजदूर मुक्त
किरीबुरू : हर माह 10-15 हजार रुपये रोजगार दिलाने के नाम पर झारखंड व ओड़िशा के 23 महिला व पुरुष मजदूरों को जम्मू-कश्मीर के दलाल के हाथों बेच दिया गया था. इसकी सूचना पर राउरकेला की सामाजिक कार्यकर्ता चांदमणी सांडिल ने पुलिस की मदद से जम्मू-कश्मीर की विभिन्न फैक्ट्रियों से 23 मजदूरों को मुक्त कराया. […]
किरीबुरू : हर माह 10-15 हजार रुपये रोजगार दिलाने के नाम पर झारखंड व ओड़िशा के 23 महिला व पुरुष मजदूरों को जम्मू-कश्मीर के दलाल के हाथों बेच दिया गया था. इसकी सूचना पर राउरकेला की सामाजिक कार्यकर्ता चांदमणी सांडिल ने पुलिस की मदद से जम्मू-कश्मीर की विभिन्न फैक्ट्रियों से 23 मजदूरों को मुक्त कराया. सभी को वहां से राउरकेला लाया गया है. इनमें एक महिला सिमडेगा (झारखंड) की रहने वाली है.
चांदमणी ने प्रभात खबर को बताया कि जम्मू-कश्मीर की विभिन्न फैक्टरियों में कैद झारखंड-ओड़िशा के मजदूरों को रिहा कराने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. वहां गयी ओड़िशा पुलिस का रवैया असहयोग भरा रहा. पुलिस किसी प्रकार की जिम्मेदारी लेने से बच रही थी. वहां से बैरंग लौटना चाह रही थी.
लेकिन मैं अड़ गई. चांदमणी ने बताया कि अभी भी काफी मजदूर वहां कैद हैं. इनके बारे में जानकारी नहीं होने से छुड़ाया नहीं जा सका. बताया जा रहा कि गरीब बेरोजगारों को दलालों ने प्रतिमाह 10-15 हजार रुपये का रोजगार दिलाने के नाम पर जम्मू-कश्मीर ले गया.
वहां दलाल के हाथ बेच दिया. वहां मजदूरों को प्रतिमाह लगभग तीन हजार रुपये दिया गया. बाकी पैसा दलाल ले लेते थे. मजदूरों से इनके परिवार वालों को बात नहीं करने दिया जाता था.
परिजनों ने लगायी थी मदद की गुहार
इधर रोजगार के लिए गये परिवार के सदस्य की खोज खबर नहीं मिलने से परिजन परेशान थे. वे ओड़िशा पुलिस से उन्हें मुक्त कराने का आग्रह करते रहे.
उन्हें कहीं से मदद नहीं मिली. इसके बाद लगभग अठारह मजदूरों के परिजन सामाजिक कार्यकर्ता चांदमणी सांडिल से मदद मांगी. इसके बाद ओड़िशा पुलिस, श्रम विभाग की संयुक्त टीम को जम्मू-कश्मीर भेजा गया. वहां स्थानीय प्रशासन के सहयोग से कुल 23 मजदूरों को रिहा कराकर वापस लाया गया.