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मासूम के इलाज को दर-दर भटक रही मां

बाप जेल में, न लाल कार्ड न इंदिरा आवास न अन्य लाभ लगातार बढ़ रही बीमारी, पैसे के बिना नहीं हो रहा इलाज जैंतगढ़ : वर्तमान आधुनिक युग में भी लचर व्यवस्था के कारण गरीबों को परेशानी झेलनी पड़ रही है. मामला डेढ़ माह के दुधमुंही बच्ची बबली का है, जिसकी मां पैसे के अभाव […]

बाप जेल में, न लाल कार्ड न इंदिरा आवास न अन्य लाभ

लगातार बढ़ रही बीमारी, पैसे के बिना नहीं हो रहा इलाज
जैंतगढ़ : वर्तमान आधुनिक युग में भी लचर व्यवस्था के कारण गरीबों को परेशानी झेलनी पड़ रही है. मामला डेढ़ माह के दुधमुंही बच्ची बबली का है, जिसकी मां पैसे के अभाव में उसका इलाज नहीं करा पा रही है. समय बीतने साथ मासूम बच्चे की बीमारी बढ़ती जा रही है.
मामला चंपुआ थाना अंतर्गत इंडिया गांव का है. सुदर्शन महाकुड़ और खोयरो महाकुड़ की प्रथम पुत्री बबली एक गंभीर रोग से ग्रस्त है. उसकी पीठ में ट्यूमर है. माथे का आकार लगातार बढ़ता जा रहा है. डेढ़ माह की बच्ची आधा किलो का ट्यूमर ढो रहा है. ऊपर से उसे हाइड्रोसेफेलस जैसी बीमारी भी हो गयी है. खोयरो महाकुड़ ने अपने नवजात बच्ची को चंपुआ अस्पताल के डॉक्टरों को दिखाया, पर डॉक्टरों ने बाहर इलाज कराने को कहकर उसे चलता कर दिया.
मां अपने जिगर के टुकड़े का इलाज कराने के लिए दर-दर की ठोकऐं खा रही है. उसका बाप छह माह से जेल में बंद है. मां परेशान है. उसे न तो ममता योजना का लाभ मिला है न उसे पुत्री जन्म के समय मिलनेवाले पांच हजार रुपये मिले हैं और न ही शिशु महिला विकास योजना का लाभ मिला है. यही नहीं, उसे आंगनबाड़ी से धात्री के रूप में पौष्टिक आहार ही मिलता है. ऊपर से सितम यह कि उक्त परिवार को लाल कार्ड या खाद्य सुरक्षा का लाभ भी नहीं मिलता है. प्रधानमंत्री आवास योजना और शौचालय का लाभ भी परिवार को नहीं मिला है. बच्ची पर न तो स्वास्थ्य विभाग, न रेड क्रॉस न सामाजिक संगठन मेहरबान हैं.

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