एशियन गेम्स : पश्चिम सिंहभूम के पंक्चर बनानेवाले ‘बजरंगी भाईजान’ ने देश को दिलाया सोना
कोलंबो में हुए साउथ एशियन गेम्स में स्वर्ण जीता, श्रीलंका जाने में सखी मंडल ने की सैफ की मदद रांची : पश्चिम सिंहभूम के मनोहरपुर प्रखंड में पंक्चर बनाने का काम करनेवाले सैफ अंसारी ने अंतरराष्ट्रीय कुश्ती प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीत कर सबको हैरान कर दिया. सैफ ने हाल ही में श्रीलंका के कोलंबो […]
कोलंबो में हुए साउथ एशियन गेम्स में स्वर्ण जीता, श्रीलंका जाने में सखी मंडल ने की सैफ की मदद
रांची : पश्चिम सिंहभूम के मनोहरपुर प्रखंड में पंक्चर बनाने का काम करनेवाले सैफ अंसारी ने अंतरराष्ट्रीय कुश्ती प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीत कर सबको हैरान कर दिया. सैफ ने हाल ही में श्रीलंका के कोलंबो में हुए सेकेंड साउथ एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक जीता है. सैफ की मदद सखी मंडल ने की, जिससे वह श्रीलंका तक पहुंच पाया और पूरे देश के लिए मिसाल बन पाया.
दिन में काम, रात में अभ्यासकरता था सैफ
मो सैफ की उपलब्धि जितनी बड़ी है, उससे बड़ा उसका संघर्ष है. सैफ प्रतिदिन अपनी पंक्चर की दुकान में काम करता है. फिर शाम को ट्रेन से मनोहरपुर से जमशेदपुर आता है. यहां रातभर स्टेशन में बिताने के बाद जमशेदपुर के कदमा स्थित मंगल अखाड़े में कुश्ती का अभ्यास करता है. सैफ बताता है कि उसे जब श्रीलंका जाने का मौका मिला, तो वह काफी उत्साह के साथ घर पहुंचा और सबको यह बात बतायी, लेकिन जब श्रीलंका जाने के लिए पिता से 35 हजार रुपये मांगे, तो पिता ने यह कह कर मना कर दिया कि एक पंक्चर बनानेवाला इतने पैसे कहां से लायेगा.
सखी मंडल ने पूरा किया सपना
मां इशरत खातून से बेटे की मायूसी नहीं देखी गयी और उसने अगले ही दिन अपनी बात सखी मंडल के सदस्यों को बतायी. इसके बाद सभी सदस्यों ने इशरत को 30 हजार रुपये लोन देने का निर्णय लिया. इसके बाद ही सैफ श्रीलंका जा सका. सैफ की मां इशरत बताती हैं कि अगर सखी मंडल से मदद नहीं मिलती, तो शायद ही सैफ इस प्रतियोगिता में शामिल हो पाता और एक पंक्चर बनानेवाले का सपना पूरा हो पाता.
मशहूर है सैफ की बजरंगी भाईजान पंक्चर दुकान
मनोहरपुर के मीर मुहल्ला निवासी मोहम्मद रिजवान अंसारी के बड़े बेटे मो सैफ अंसारी प्रखंड मुख्यालय जानेवाली सड़क पर ‘बजरंगी भाईजान’ नाम से पंक्चर बनाने की दुकान चलाता है. दुकान पर साइकिल की पंक्चर बनाने के साथ-साथ सैफ ने 2013 में मैट्रिक व 2016 में इंटरमीडिएट की पढ़ाई की. वर्तमान में वह स्नातक पार्ट टू का छात्र है. परिवार का भरण-पोषण पंक्चर दुकान से होनेवाली आमदनी से होता है. कुश्ती में सैफ की रुचि पिछले कुछ वर्षों से जागी थी. इसके बाद वह आये दिन अभ्यास करने लगा. इससे पहले सैफ थर्ड नेशनल इंटर स्टेट रेसलिंग चैंपियनशिप में रजत पदक जीत चुका है.