अधिकारियों के अहम में बीमार हो रहे प सिंहभूम के अस्पताल
आठ माह में संबंधित अधिकारी एक भी मशीन नहीं ला पाये अस्पताल में एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप के बीच स्वास्थ्य सुविधा से महरूम है जनता जिले की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था सुधारने की दिशा में नहीं दिया जा रहा ध्यान चाईबासा : पश्चिमी सिंहभूम जिले के अस्पतालों में बेहतर चिकित्सा व्यवस्था के लिए उपायुक्त अरवा राजकमल […]
आठ माह में संबंधित अधिकारी एक भी मशीन नहीं ला पाये अस्पताल में
एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप के बीच स्वास्थ्य सुविधा से महरूम है जनता
जिले की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था सुधारने की दिशा में नहीं दिया जा रहा ध्यान
चाईबासा : पश्चिमी सिंहभूम जिले के अस्पतालों में बेहतर चिकित्सा व्यवस्था के लिए उपायुक्त अरवा राजकमल ने आठ माह पूर्व अत्याधुनिक मशीनों की खरीदारी के लिए डिस्ट्रिक मिनरल फांउडेशन ट्रस्ट (डीएफएफटी) फंड से 5 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी. तत्कालीन सिविल सर्जन हिंमाशु भूषण बरवार और पश्चिमी सिंहभूम के डीआरडीए डायरेक्टर अमित कुमार के बीच आपसी सामंजस्य नहीं होने व ढुलमुल रवैया के कारण आठ माह में एक भी मशीन नहीं खरीदी जा सकी. इसका असर जिले की स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ रहा है. चाईबासा स्थित सदर अस्पताल समेत जिले के अस्पतालों के लिए गर्वमेंट ई मार्केट (जैम) के जरिये 57 चिकित्सा उपकरण की खरीदारी होनी है. आठ माह बाद अधिकारी एक दूसरे को दोषी ठहरा रहे हैं.
20 दिसंबर 2017 को उपायुक्त ने दी स्वीकृति
20 दिसंबर 2017 को जिला मुख्यालय में उपायुक्त ने 57 योजनाओं के तहत चिकित्सा उपकरणों को प्राथमिकता के आधार पर खरीदने के लिए डीएमएफटी फंड से 5 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी थी. हालांकि तत्कालीन सिविल सर्जन हिमांशु भूषण बरवार ने 127 योजनाएं की मांग की थी.
जैम में नहीं थे उपकरण, तो निविदा से क्रय करना था
उपकरणों की खरीदारी गर्वमेंट ई मार्केट (जैम) से होनी थी. इसके लिए कंपनियों का चयन कर लिया गया था. प्रत्येक क्रय
में चिकित्सा उपकरण के साथ पांच वर्षों का सीएमसी (कंप्रीएंसिव मेंटेंनेस कांट्रेक्ट) तय था. बताया गया था कि अगर उपकरण जैम पर उपलब्ध नहीं होते हैं, तो निविदा के माध्यम से क्रय किया जाए.
जांच के वक्त अस्पताल से गायब हो जाते थे अधिकारी : डीआरडीए निदेशक जांच करने जब भी अस्पताल पहुंचते, तो आला अधिकारी गायब हो जाते थे. थक-हारकर डीआरडीए ने उपायुक्त को पत्र लिखकर वस्तुस्थिति से अवगत कराया था. प्रचार-प्रसार के प्रिंटिंग कार्य में अनियमितता की शिकायत मिलने पर भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, नयी दिल्ली से जांच का आदेश दिया जा चुका है. वह फाइल धूल फांक रही है.
सभी उपकरणों की खरीद डीआरडीए डायरेक्टर अमित कुमार अपने स्तर से कर रहे थे. इसमें मेरा कोई रोल नहीं है. केवल उपकरणों की गुणवत्ता की परख के लिए मुझसे पूछा गया था. मैंने उपकरणों की कीमत में मार्केट दाम से पांच गुना का अंतर पाया. मैंने पत्राचार के माध्यम से इसकी सूचना उपायुक्त व स्वास्थ्य विभाग को दी.
– हिमांशु भूषण बरवार, पूर्व सीएस, सदर अस्पताल
जैम (गर्वमेंट ई मार्केट) में रेट अधिक होने के कारण सिविल सर्जन हिमांशु भूषण बरवार अपने स्तर से चिकित्सा उपकरणों की खरीद करना चाहते थे. ऐसे में केंद्र सरकार के नियमों को ताक पर रख चिकित्सा उपकरणों की खरीद नहीं की सकती थी. सीएस को खरीदारी करनी थी. मुझे केवल क्रय प्रक्रिया के बाद बिल पास करना था.
– अमित कुमार, डीआरडीए डायरेक्टर, पश्चिमी सिंहभूम.
इन 57 उपकरणों की होनी थी खरीदारी
सदर अस्पताल चाईबासा : 6 चैनल की इसीजी मशीन, 2 प्रोब्स कलर डोप्लर यूएसजी मशीन, डिजिटल एक्सरे मशीन (300 एमए के सीआर सिस्टम के साथ), हेमथोलॉजी एनेलाइजर 5 पार्ट, सेमी ऑटो एनलाइजर, कंफ्रीगर मशीन, गैस इलेक्ट्रोलाइट एनेलाइजर, पल्स ऑक्सीमीटर मान्टर (एसपीओ 2 के साथ), कॉर्डियक मोनोटर 5 पारा का, इलेक्ट्रिक सेक्शन मशीन, वैक्यूम क्लीनर, 12 ऑक्सीजन हूड, ऑटोक्लेव हॉरिजेंटल (270 लीटर), 4 चैंबर इलेक्ट्रिक इंसीनरेटर, लेबर रूम में 2 इक्लेमसिया बेड, सेमी इलेक्ट्रिक ओटी टेबल, 2 ओटी में इमरजेंसी ड्रग ट्रॉली (ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ), लेबर रूम में 2 इमरजेंसी ड्रग ट्रॉली, एसएनसीयू में 2 इमरजेंसी ड्रग ट्रॉली, एंबुलेंस में 2 इमरजेंसी ड्रग ट्रॉली, डिलिवरी टेबल, 30 लीटर का सोलर वाटर हीटर, ओटी में 30 लीटर का सोलर वाटर हीटर, लेबर रूम में 30 लीटर का सोलर वाटर हीटर, ब्यायलर एप्रेएटर, ऑटोक्लेव वर्टिकल (50 लीटर), ब्लोहैंड ड्रायर (सेंसर), एलइडी ओटी लाइट, सीओटी में एलइडी ओटी लाइट,
सीएचसी चक्रधरपुर : 2 प्रोब्स यूएसजी मशीन, डिजिटल एक्सरे मशीन, हाई इंटेनसिटी की फोटोग्राफी यूनिट व सिंगल हेड, इलेक्ट्रीक सेक्शन मशीन, वैक्यूम क्लीनर, ऑटोक्लेव हॉरीजेंटल (270 लीटर), ब्लोहैंड ड्रायर
सीएचसी मनोहरपुर : 2 प्रोब्स यूएसजी मशीन, डिजिटल एक्सरे मशीन, हाई इंटेनसिटी की फोटोग्राफी यूनिट व सिंगल हेड, वैक्यूम क्लीनर, ऑटोक्लेव हॉरिजेंटल, 2 इमरजेंसी ड्रग ट्रॉली
सीएससी जगन्नाथपुर : डिजिटल एक्सरे मशीन, हाई इंटेनसिटी की फोटोग्राफी यूनिट व सिंगल हेड, ब्लोहैंड ड्रायर
सीएचसी बंदगांव, बड़ाजामदा, गोइलकेरा, झींकपानी, खूंटपानी, कुमारडुंगी, मंझारी, सोनुवा, टोंटो व तांतनगर : हाई इंटेनसिटी की फोटोग्राफी यूनिट व सिंगल हेड (प्रत्येक में एक)
सीएचसी मझगांव : हाई इंटेनसिटी की फोटोग्राफी यूनिट व सिंगल हेड, ब्लोहैंड ड्रायर
पूर्व में उपकरण खरीदारी में हो चुका है घोटाला
सदर अस्पताल में उपकरण खरीद में पूर्व में करोड़ों रुपये का घोटाला हो चुका है. विगत मार्च में एनआरएचएम फंड से 10 करोड़ से अधिक राशि विभिन्न फर्म के एकाउंट में एडवांस डाल दी गयी. वहीं क्रय की गयी सामग्रियां महीने बाद अस्पताल पहुंची. सरकारी निर्देश के बावजूद पीएफएमएस से भुगतान न करके सामग्रियों की खरीद में 31 मार्च की तारीख अंकित कर चेक के माध्यम से अप्रैल में विभिन्न फर्म के एकाउंट में राशि ट्रांसफर कर दी गयी थी. इस गड़बड़झाले की भनक जिला प्रशासन को लगी थी. उपायुक्त ने डीआरडीए निदेशक अमित कुमार को जांच का जिम्मा सौंपा था.