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आसमान से बरस रही आग, जिले में लू से दो की मौत, दर्जनों लोग अस्पतालों में भर्ती

चाईबासा : पश्चिमी सिंहभूम जिले में दिनोंदिन बढ़ती गर्मी ने लोगों को बेचैन कर दिया है. इससे जिसे देखो, सभी गर्मी से बचने के उपाय तलाश रहा है. पश्चिम सिंहभूम जिले के नोवामुंडी व मनोहरपुर में लू लगने से दो लोगों की मौत हो गयी. वहीं लू लगने से मनोहरपुर सहित जिले के विभिन्न हिस्सों […]

चाईबासा : पश्चिमी सिंहभूम जिले में दिनोंदिन बढ़ती गर्मी ने लोगों को बेचैन कर दिया है. इससे जिसे देखो, सभी गर्मी से बचने के उपाय तलाश रहा है. पश्चिम सिंहभूम जिले के नोवामुंडी व मनोहरपुर में लू लगने से दो लोगों की मौत हो गयी. वहीं लू लगने से मनोहरपुर सहित जिले के विभिन्न हिस्सों में दर्जनोें बीमार हैं. सोमवार को चाईबासा शहर का अधिकतम तापमान 42.7 डिग्री रिकार्ड किया गया तो वहीं जिले के सारंडा क्षेत्र स्थित गुवा में पारा 45 डिग्री सेल्सियस पर बरकार है.

ग्रामीण क्षेत्र के दिहाड़ी मजदूरों को रोटी के लिए मजबूरन धूप की तपिश का सामना करते हुए घर से निकलना पड़ रहा है. सुबह 8 बजे से ही आसमान से आग बरसने लग रही है. 10 बजे के बाद से ही लू के थपेड़े शुरू हो जा रहे हैं, जिसमें घर से निकलना भी मुश्किल है.
अस्पतालों में 40% मरीज बढ़े, चिकित्सक अलर्ट : जिल के अस्पतालों में डिहाइड्रेशन व लू की चपेट में आये मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है. भीषण गर्मी की वजह से विभिन्न अस्पतालों समेत सीएचसी एवं पीएचसी केंद्रों में भी मरीजों की संख्या में वृद्धि देखने को मिल रही है. आम दिनों की तुलना में अस्पतालों में 30 से 40 प्रतिशत तक मरीज बढ़ गये हैं. जिला मुख्यालय स्थित सदर अस्पताल के ओपीडी में गर्मी एवं लू की वजह से डिहाइड्रेशन के साथ-साथ पेट दर्द, उल्टी, दस्त, डायरिया आदि के मरीजों की संख्या बढ़ी है.
वहीं गर्मी के मद्देनजर अस्पताल की इमरजेंसी में हाइ अलर्ट जारी कर दिया गया है. साथ ही, चिकित्सकों की विशेष टोली गर्मी से प्रभावित मरीजों को राहत पहुंचना के हर संभव प्रयास में जुटा है. गर्मी के मरीजों को अस्पतालों में प्राथमिकता के तौर पर इलाज किया जा रहा है. मरीजों को सेलाइन, दवाइयों के साथ ओआरएस का घोल चिकित्सक दे रहे हैं.
गर्मी से त्वचा रोग का भी बढ़ा खतरा: चिलचिलाती धूप एवं गर्मी का असर लोगों की त्वचा पर भी पड़ रहा है. तापमान में लगातार हो रही बढ़ोतरी के कारण लोगों में त्वचा संबंधी रोग होने का खतरा भी काफी बढ़ गया है. ग्रीष्म लहर के साथ-साथ बढ़ते तापमान के कारण वातावरण में यूवी (अल्ट्रा वॉयलेट) इंडेक्स भी खतरनाक स्तर तक बढ़ गया है. उच्च यूवी इंडेक्स के कहर के कारण धूप में थोड़ी देर रहने पर ही त्वचा में जलन होने लग रही है. ऐसे में लोग घरों के अंदर रहना ही ज्यादा पसंद कर रहे हैं.

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