जिले में एक दिन में बनेंगे 5000 सोक पिट

जल संचय अभियान चलाकर लिम्का बुक में नाम दर्ज करायेगा जिला चाईबासा : जिले मेें जल संचयन को बढ़ावा देने के लिए जिला प्रशासन की ओर से गुरुवार को टाटा कॉलेज के बिरसा मेमोरियल हॉल में जल शक्ति कार्यक्रम के तहत एक दिवसीय जागरुकता कार्यशाला आयोजित हुई. इसमें जिला परिषद् अध्यक्ष लालमुनी पुुरती मुख्य अतिथि […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 5, 2019 2:29 AM

जल संचय अभियान चलाकर लिम्का बुक में नाम दर्ज करायेगा जिला

चाईबासा : जिले मेें जल संचयन को बढ़ावा देने के लिए जिला प्रशासन की ओर से गुरुवार को टाटा कॉलेज के बिरसा मेमोरियल हॉल में जल शक्ति कार्यक्रम के तहत एक दिवसीय जागरुकता कार्यशाला आयोजित हुई. इसमें जिला परिषद् अध्यक्ष लालमुनी पुुरती मुख्य अतिथि थीं. कार्यक्रम में जिला प्रशासन की ओर से उप विकास आयुक्त आदित्य रंजन, चाईबासा वन प्रमंडल पदाधिकारी सत्यम कुमार, आइटीडीए परियोजना निदेशक शशिभूषण मेहरा, डीआरडीए निदेशक प्रभात कुमार बरदियार, जिला शिक्षा पदाधिकारी प्रदीप कुमार चौबे के साथ अनुमंडल स्तर के पदाधिकारी, जिला स्तरीय पदाधिकारी, प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी उपस्थित रहे. कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि एवं जिला प्रशासन के वरीय पदाधिकारियों ने दीप प्रज्वलित कर की. डीडीसी ने कहा कि वर्तमान में जिला स्तर पर 1800 जलमीनारों का निर्माण कराया जा रहा है.
इन जलमीनारों के साथ ही व्यर्थ होने वाले पानी के संचयन के लिए बगल में सोकपिट निर्माण की भी व्यवस्था की गयी है. इसके साथ ही जिले में बड़े तालाबों का निर्माण भी कराया जा रहा है. सीएम ने जिले में चैनपुर दौरे के समय तालाब शिलान्यास भी किया था. जिला प्रशासन पूरे जिले में जल संचयन कार्यक्रम को मुहिम की तरह चलायेगा. सभी सरकारी कार्यालयों एवं भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग की शुरू करने की प्रक्रिया भी जल्द आरंभ की जायेगी. जल संरक्षण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आगामी 20 जुलाई को एक दिन में पूरे जिले में चिह्नित स्थानों पर 5000 सोकपिटों का निर्माण कराने का लक्ष्य रखा गया है.
इसके साथ ही अन्य सार्वजनिक स्थलों पर भी जल्द ही सोकपिट बनवाये जायेंगे. जिले में संचालित हमारी इन योजनाओं की मुख्य सचिव ने भी सराहना की है. सभी के सार्थक प्रयास से जल्द ही जल संचयन के कार्यों के कारण हमारे जिले का नाम लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रेकॉर्ड्स में दर्ज होने जा रहा है. उन्होंने कहा कि जनशक्ति से जल शक्ति का निर्माण बेहतर विकल्प है.
मुख्य अतिथि पानमुनी पुरती ने कहा कि जल संचयन के लिए देश में चल रहे कार्यक्रमों का जिक्र करते हुए भविष्य में मानव जीवन में जल के महत्त्व की भी चर्चा की. उन्होंने कहा कि अगर आज हम जल संचयन में चूके तो आगे जाकर यह विकराल समस्या का रूप ले लेगा, जो मानव मात्र के लिए बहुत कठिन दौर होगा. कार्यक्रम में उपस्थित अन्य पदाधिकारियों ने भी जल संचयन के लिए अन्य सुझावों एवं कार्यक्रमों को भी सफल बनाने की लोगों से अपील की गयी.

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