Jharkhand : सारंडा में बिना शौचालय बनाये 40-50 गांवों को घोषित किया ‘खुले में शौच से मुक्त’
किरीबुरू : झारखंड के सारंडा क्षेत्र में बड़े पैमाने पर बिना शौचालय बनाये ही गांवों को ‘खुले में शौच से मुक्त’ (ओडीएफ) घोषित किया जा रहा है. बाकायदा गांव में खुले में शौच से मुक्त गांव का बोर्ड भी टांगा जा रहा है. ऐसा एक-दो गांव में नहीं, 40-50 गांवों में हो रहा है. इससे […]
किरीबुरू : झारखंड के सारंडा क्षेत्र में बड़े पैमाने पर बिना शौचालय बनाये ही गांवों को ‘खुले में शौच से मुक्त’ (ओडीएफ) घोषित किया जा रहा है. बाकायदा गांव में खुले में शौच से मुक्त गांव का बोर्ड भी टांगा जा रहा है. ऐसा एक-दो गांव में नहीं, 40-50 गांवों में हो रहा है. इससे ग्रामीणों में भारी आक्रोश है.
नक्सल प्रभावित सारंडा के छोटानागरा पंचायत के बहदा गांव के मुंडा रोया सिधू और वार्ड सदस्य कामेश्वर मांझी ने बताया कि उनके गांव में 58 परिवारों को सरकार की तरफ से शौचालय का आवंटन होना था. सरकार ने इसकी सूची जारी की थी.
शौचालय बनवाने के लिए गांव में बालू भी गिराया गया, लेकिन बाद में उसे वहां से उठवा लिया गया. आज तक गांव में एक भी शौचालय का निर्माण नहीं हुआ है. बावजूद इसके, गांव से लगभग पांच किलोमीटर दूर तितलीघाट गांव में बहदा गांव को खुले में शौच से मुक्त गांव का बोर्ड टांग दिया गया.
मुंडा रोया ने इस मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की. साथ ही प्रशासन से तत्काल इस बोर्ड को हटाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि यदि बोर्ड को नहीं हटाया गया, तो ग्रामीण खुद इसे हटा देंगे. यह हाल सारंडा के एक गांव का नहीं, 40-50 गांवों का है. कुछ गांवों में आधा-अधूरा शौचालय बना है, तो कुछ गांव शौचालय विहीन हैं.
क्या कहते हैं बीडीओ
मनोहरपुर के बीडीओ जितेंद्र कुमार पांडे से बात की गयी, तो उन्होंने कहा कि बहदा गांव में शौचालय निर्माण का जिम्मा टाटा स्टील को दिया गया था. उसने बाद में बिना निर्माण किये, वह काम सरेंडर कर दिया. उक्त गांव में शौचालय का निर्माण कराया जायेगा. सोमवार को गांव के मुंडा को बुलाया गया है. सभी लाभुकों का शौचालय बनेगा. उनका कहना है कि संभवत: सेक डाटा के आधार पर ‘खुले में शौच से मुक्त’ का बोर्ड लगा दिया गया होगा. बीडीओ ने कहा कि जहां भी शौचालय नहीं बना है, उसे बनाया जायेगा.