– अंतराष्ट्रीय तीरंदाजी प्रतियोगिता में जीत के पश्चात पहुंची अपने घर
सुकेश कुमार, चाईबासा
स्पेन में आयोजित अंडर-18 अंतरराष्ट्रीय तीरंदाजी प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीतकर लौटने के पश्चात कोमालिका बारी का जोरदार स्वागत पश्चिम सिंहभूम में हुआ. सांसद गीता कोड़ा से लेकर उपायुक्त अरवा राजकमल समेत शिक्षाविदों ने उन्हें सम्मानित किया. अपने गांव रोलाडीह पहुंचने से पूर्व वे चाईबासा में रूकी. इस दौरान उनके स्वागत को लेकर हर कोई खड़ा रहा.
सर्वप्रथम टाटा कॉलेज के प्रचार्या प्रो कस्तुरी बोयपाई ने गोल्ड मेडलिस्ट कोमालिका बारी का स्वागत किया. तीन बजे के करीब चाईबासा पहुंचने के पश्चात वह सर्वप्रथम टाटा कॉलेज गयीं. जहां प्रो कस्तुरी बोयपाई से अपने उज्जवल भविष्य के लिए आर्शीवाद लिया. उसके पश्चात कोल्हान विश्वविद्यालय में सिंडिकेट सदस्यों ने गुलदस्ता देकर उनका स्वागत किया.
कुलपति डॉ शुक्ला मोहंती ने उनके उज्जवल भविष्य की कामना की तथा देश का नाम रौशन करने के लिए उनके प्रति हर्ष जताया. उन्होंने कहा कि कोल्हान विवि की छात्रा होने के नाते हमें गर्व है, पूरा विवि उनके साथ खड़ा है. मौके पर कुलसचिव डॉ एनएन सिंह, सिंडिकेट सदस्य अमिताभ सेनापति, प्रॉक्टर डॉ एके झा, सोशल साइंस डीन डॉ जेपी मिश्रा, एफए मधुसुदन समेत अन्य सदस्य उपस्थित थे.
सांसद गीता कोड़ा ने हर संभव मदद देने की बात कही
सिंहभूम सांसद गीता कोड़ा ने कहा कि कोमालिका बारी के साथ हर संभव खड़ी हूं. उनके उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि सिंहभूम क्षेत्र में प्रतिभा की कमी नहीं है, यदि आगे सरकार ध्यान दें तो भविष्य में कोमालिका जैसी कई प्रतिभाशाली हमारे बीच होंगे. उन्होंने कहा कि हमारा क्षेत्र होने के कारण गर्व की बात है, देश में अपनी पहचान बनायी है.
उपायुक्त ने किया सम्मानित
पश्चिम सिंहभूम के उपायुक्त अरवा राजकमल ने भी समाहरणालय में कोमालिका बारी को सम्मानित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि उनका मेडल जीतना जिले के लिए गर्व की बात है. गोल्ड मेडलिस्ट खिताब हासिल करने पर राज्य व देश का नाम रौशन किया है. जो हमारे लिए खुशी की बात है.
आपको बता दें कि विश्व युवा तीरंदाजी चैंपियनशिप के रिकर्व कैडेट वर्ग के एक तरफा फाइनल में जापान की उच्च रैंकिंग वाली सोनोदा वाका को हराकर स्वर्ण पदक हासिल किया. जमशेदपुर की टाटा तीरंदाजी अकादमी की 17 साल की खिलाड़ी कोमालिका अंडर-18 वर्ग में विश्व चैम्पियन बनने वाली भारत की दूसरी तीरंदाज बनी है. उनसे पहले दीपिका कुमारी ने 2009 में यह खिताब जीता था. विश्व तीरंदाजी से निलंबन लागू होने से पहले भारत ने अपनी आखिरी प्रतियोगिता में दो स्वर्ण और एक कांस्य पदक के साथ अभियान का समापन किया.