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झारखंड के हर जिले से 2 शिक्षकों को मिलेगा कोरोना शिक्षा योद्धा पुरस्कार, मांगे गये नाम

Jharkhand news, West Singhbhum news : झारखंड शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद, रांची (Jharkhand Educational Research and Training Council) के सौजन्य से अब शिक्षकों को कोरोना शिक्षा योद्धा (Corona education warrior) के पुरस्कार से नवाजा जायेगा. इस संदर्भ में राज्य परियोजना निदेशक डॉ शैलेश कुमार चौरसिया ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी एवं जिला शिक्षा अधीक्षकों को पत्र लिख कर शिक्षकों का नाम कोरोना शिक्षा योद्धा पुरस्कार के लिए मनोनित करने को कहा है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 1, 2020 5:34 PM

Jharkhand news, West Singhbhum news : चक्रधरपुर : झारखंड शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद, रांची (Jharkhand Educational Research and Training Council) के सौजन्य से अब शिक्षकों को कोरोना शिक्षा योद्धा (Corona education warrior) के पुरस्कार से नवाजा जायेगा. इस संदर्भ में राज्य परियोजना निदेशक डॉ शैलेश कुमार चौरसिया ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी एवं जिला शिक्षा अधीक्षकों को पत्र लिख कर शिक्षकों का नाम कोरोना शिक्षा योद्धा पुरस्कार के लिए मनोनित करने को कहा है.

कोविड-19 काल में छात्र- छात्राओं के शिक्षण को जारी रखने में बेहतर सेवा देने वाले शिक्षकों का नाम मनोनीत करने को कहा गया है. हर जिले से एक प्राथमिक तथा एक माध्यमिक स्तर के शिक्षकों का नाम चयन कर भेजने को कहा गया है. पूरे राज्य से चयनित शिक्षकों को रांची में पुरस्कृत किया जायेगा.

मालूम हो कि 24 मार्च, 2020 से देश में लॉकडाउन (Lockdown) लगने के बाद से झारखंड सरकार ने स्कूलों के संचालन को बंद कर दिया है. लेकिन, स्कूलों में शिक्षकों की सेवा रोस्टर के आधार पर लिया जा रकहा है. कोरोना काल में भी शिक्षक अपने स्कूलों में रह कर सेवा दे रहे हैं.

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विभागीय आदेश के अनुसार, शिक्षकों के माध्यम से बच्चों से मध्याह्न भोजन योजना मद का चावल और राशि हर माह बच्चों को वितरित किया गया. विद्यालय किट्स का वितरण किया गया. कोरेटाइन सेंटरों में शिक्षकों से दंडाधिकारी की सेवा ली गयी. जिला के सीमा क्षेत्र में शिक्षकों को तैनात कर वाहनों की जांच का काम लिया गया. राशन दुकानों में शिक्षकों को दंडाधिकारी के तौर पर प्रतिनियुक्त कर मुफ्त राशन का वितरण किया गया. जिसकी निगरानी का काम शिक्षकों ने किया.

जब वाहनों का ई-पास बनाने की बारी आयी, तो शिक्षकों को प्रतिनियुक्त कर सेवा ली गयी. कहीं पर शिक्षकों को कोराना वायरस की जांच में लगाया गया, तो कहीं कोरोना काल में दूसरी सेवाएं ली गयीं. शिक्षक संघ द्वारा बार- बार शिक्षकों को कोरोना योद्धा का दर्जा प्रदान करने की मांग की जाती रही. दूसरे योद्धाओं की तरह सुविधाएं और बीमा का लाभ मांगा गया था, लेकिन यह दर्जा नहीं मिला.

Posted By : Samir Ranjan.

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