बचपन से ही शातिर था सुमंत कुमार दास

चाईबासा : असली-नकली शिक्षक की जांच में अब नया मोड़ आ गया है. पहले शिक्षा विभाग सुमंत कुमार दास के नाम से मनोहरपुर में कार्यरत शिक्षक को रामपुकार चौधरी मान कर जांच कर रहा था. अब विभाग को एक नया नाम कोंदा तांती, पिता मृत सुदर्शन तांती से सामना करना पड़ रहा है. एसएसआइपी प्लस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:57 PM

चाईबासा : असली-नकली शिक्षक की जांच में अब नया मोड़ आ गया है. पहले शिक्षा विभाग सुमंत कुमार दास के नाम से मनोहरपुर में कार्यरत शिक्षक को रामपुकार चौधरी मान कर जांच कर रहा था. अब विभाग को एक नया नाम कोंदा तांती, पिता मृत सुदर्शन तांती से सामना करना पड़ रहा है.

एसएसआइपी प्लस टू उच्च विद्यालय में सुमंत कुमार दास ने पहले कोंदा तांती पिता मृत सुदर्शन तांती के नाम से नामांकन कराया था. इसमें उसकी जन्म तिथि 14-8-55 है. इसी बीच नवम वर्ग में उसने तब के प्रभारी प्रधानाध्यापक के नाम आवेदन लिखा और कोंदा तांती से नाम बदल कर सुमंत कुमार दास करने का आवेदन किया.

13-7-1969 को अनुमंडल शिक्षा पदाधिकारी के आदेश पर उसका नाम कोंदा तांती से बदल कर सुमंत कुमार दास पिता सुदर्शन दास कर दिया गया. नामांकन रजिस्टर में भी कोंदा तांती काट कर उसी जगह पर सुमंत कुमार दास अंकित किया गया है.

पेंच यहां है कि उसी साल उसी विद्यालय में राम पुकार चौधरी पिता सुगंबर चौधरी जन्म तिथि 15-11-55 के नाम से नामांकन हुआ है और नोवामुंडी में कार्यरत शिक्षक सुमंत कुमार दास का भी नामांकन इसी विद्यालय में एक ही जन्म तिथि और पिता के नाम से हुआ है.

अब सवाल है कि दोनों में से कौन सुमंत कुमार असली है? कोंदो तांती ने अपना नाम बदलवाकर सुमंत कुमार दास क्यों रखा? उस समय विद्यालय में नामांकन कार्य से जुड़े लोगों पर भी सवाल उठ रहे हैं. इसकी भी जांच नहीं हुई कि पहले कोंदो तांती के नाम से नामांकन करवाना फिर पहले से नामांकित एम छात्र के नाम जन्म तिथि और पिता के भी समान नाम होने में क्या माजरा है?

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