विद्यार्थी देते हैं शिक्षकों को वेतन
राधेश सिंह राज मनोहरपुर: आनंदपुर प्रखंड के एकमात्र उच्च विद्यालय के 250 विद्यार्थियों का भविष्य अंधकार मय होता दिख रहा है. पहले बैच में निकले 200 से ज्यादा विद्यार्थी (जिन्हें जैक परीक्षा में शामिल होना है) अपनी विषयवार, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से महरुम रह गये. उच्च विद्यालय में एकमात्र सरकारी शिक्षक पदस्थापित हैं. इस विद्यालय में […]
राधेश सिंह राज
मनोहरपुर: आनंदपुर प्रखंड के एकमात्र उच्च विद्यालय के 250 विद्यार्थियों का भविष्य अंधकार मय होता दिख रहा है.
पहले बैच में निकले 200 से ज्यादा विद्यार्थी (जिन्हें जैक परीक्षा में शामिल होना है) अपनी विषयवार, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से महरुम रह गये. उच्च विद्यालय में एकमात्र सरकारी शिक्षक पदस्थापित हैं. इस विद्यालय में कक्षा नवम एवं दशम के छात्रों का पठन-पाठन होता है.
यहां सरकार की ओर से मुहैया कराये गये एकमात्र शिक्षक नित्यानंद महतो हैं. कक्षा दशम में कुल 200 से अधिक विद्यार्थी एक ही क्लास रूम में पढ़ते हैं. नवम कक्षा में 200 विद्यार्थी हैं. दो कमरे में संचालित होने वाले उक्त विद्यालय में शिक्षकों के कमी के कारण यहां पढ़ने वाले छात्र के डोनेशन के पैसे से प्राइवेट तौर पर गांव के शिक्षित युवा से पढ़ते हैं. यह बात सुनने में भले अजीब लगे,परंतु सौ फीसदी सत्य है.
यहां के लगभग साढ़े चार सौ छात्र आपस में चंदा कर चार प्राइवेट शिक्षक के सहारे अध्ययन कर रहे हैं. छात्रों के चंदे से जिन प्राइवेट शिक्षकों को मानदेय मिलता है,उनमें आनंदपुर के रामकिशोर पाईक , पुनित नंदा , संजय नायक एवं सी.पाठक शामिल हैं.