यहां हर परिवार बनाता है मूर्तियां
केशना गांव की मूर्तियों की मांग विदेशों तक भगवान की मूर्तियों के निर्माण ने दिलायी इस गांव की पहचान महाराष्ट्र, बंगाल, गुजरात, राजस्थान, बिहार, उत्तर प्रदेश में होती है सप्लाई हजार रुपये से लेकर एक लाख तक की मूर्तियां हैं उपलब्ध मो वसीउद्दीन मंझगांव : मयूरभंज जिले के सुकुरूली तहसील के केशना गांव का नाम […]
केशना गांव की मूर्तियों की मांग विदेशों तक
भगवान की मूर्तियों के निर्माण ने दिलायी इस गांव की पहचान
महाराष्ट्र, बंगाल, गुजरात, राजस्थान, बिहार, उत्तर प्रदेश में होती है सप्लाई
हजार रुपये से लेकर एक लाख तक की मूर्तियां हैं उपलब्ध
मो वसीउद्दीन
मंझगांव : मयूरभंज जिले के सुकुरूली तहसील के केशना गांव का नाम अब देश के कोने-कोने में विख्यात हो गया है. यहां के मूर्ति कलाकारों ने भगवान की अद्भूत मूर्तियों का निर्माण कर इस गांव को अलग पहचान दे दी है.
इस गांव में लगभग पचास परिवार है. ओड़िशा के इस छोटे से गांव के हर परिवार के लोग मूर्ति निर्माण कार्य में लगे हुए हैं. भगवान शिव, गणोश, काली आदि देवी-देवताओं की प्रतिमा यहां सालों भर बनायी जाती है. यहां के मूर्ति निर्माण ख्याति देश ही नहीं विदेशों तक पहुंच गयी है.
मूर्तियों की डिमांड देश के हर राज्य में होने लगी है. इस गांव के लोग कई पीढ़ियों से मूर्ति निर्माण की कला में लगे हुए हैं. यहां से महाराष्ट्र, बंगाल, गुजरात, राजस्थान, बिहार, उत्तर प्रदेश आदि राज्यों में मूर्तियों की सप्लाई होती है. यहां बनने वाली मूर्तियों की कीमत एक हजार से लेकर एक लाख रुपये तक है. लोग जिस प्रकार की मूर्ति की मांग करते हैं, उस प्रकार की मूर्ति का भी यहां निर्माण किया जाता है.