दो और नवजात की मौत

जानलेवा बनी ममता वाहनों की हड़ताल चाईबासा/घाटशिला : ग्रामीण इलाकों में चिकित्सा की लाइफ लाइन मानेजाने वाले ममता वाहनों की हड़ताल का खौफनाक परिणाम सामने आ रहा है. हड़ताल के कारण वाहन नहीं मिलने व विलंब से अस्पताल पहुंचने के कारण गुरुवार को दो और नवजात की मौत हो गयी. इन्हें मिलाकर तीन दिन में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 20, 2015 3:52 AM
जानलेवा बनी ममता वाहनों की हड़ताल
चाईबासा/घाटशिला : ग्रामीण इलाकों में चिकित्सा की लाइफ लाइन मानेजाने वाले ममता वाहनों की हड़ताल का खौफनाक परिणाम सामने आ रहा है. हड़ताल के कारण वाहन नहीं मिलने व विलंब से अस्पताल पहुंचने के कारण गुरुवार को दो और नवजात की मौत हो गयी. इन्हें मिलाकर तीन दिन में प्रसव के दौरान कोल्हान में मरने वाले नवजातों की संख्या तीन हो गयी है.
तीनों ही मामलों में ममता वाहन नहीं होने और देर से अस्पताल पहुंचना नवजातों की मौत का कारण बना. गुरुवार को पहली घटना में पूर्वी सिंहभूम के गुड़ाबांदा प्रखंड में छुटू सबर की पत्नी भादो सबर को गुरुवार को प्रसव पीड़ा शुरू हुई. इसकी सूचना सहिया को दी गयी. मामता वाहन के लिए संपर्क करने पर पता चला कि संचालक हड़ताल पर हैं. दूसरे वाहन की व्यवस्था रुपये के अभाव में परिवार नहीं कर सका. भादो सबर ने घर में ही बच्चे को जन्म दिया. लेकिन प्रसव के कुछ देर बाद ही उसकी मौत हो गयी.
दूसरी घटना पश्चिम सिंहभूम जिला के जगन्नाथपुर प्रखंड अंतर्गत पोखरपी पंचायत के सेलदौरी में घटी. शुरू लागुरी को बुधवार की शाम सात बजे प्रसव पीड़ा हुई थी. उसे तुरंत अस्पताल पहुंचाने की जरूरत थी. लेनिक ममता वाहन उपलब्ध नहीं हो सका. इसके बाद निजी स्तर पर वाहन की व्यवस्था का प्रयास किया गया. इस दौरान प्रसूता शुरू लागुरी की प्रसव पीड़ा बढ़ती गयी. बढ़े प्रसव पीड़ा के बीच उसे किसी तरह जगन्नाथपुर अस्पताल पहुंचाया गया. यहां प्रसव के तत्काल बाद ही नवजात की मौत हो गयी.
इससे पूर्व मंगलवार को पश्चिम सिंहभूम के बड़बिल निवासी जाम्बी पुरती के प्रसव के तत्काल बाद नवजात की मौत हो गयी थी. ममता वाहन नहीं मिलने के बाद उसे अस्पताल पहुंचाने में विलंब हुआ था. परिवार वालों और प्रसूता का कहना था कि ममता वाहन समय पर आ जाता तो बच्चे की जान बच सकती थी.
मांग गलत, कार्रवाई होगी : पश्चिम सिंहभूम के सिविल सजर्न डॉ जगत भूषण प्रसाद ने कहा है कि हड़ताल की सूचना सरकार को दे दी गयी है. अभी जो ममता वाहनों को पैसा मिल रहा है, वो कम नहीं है. प्रसूता और बच्चे की मौत अगर ममता वाहन के देरी से पहुंचने पर हुई तो वाहन मालिकों पर कार्रवाई होगी. इसके लिए सरकार से दिशा-निर्देश मांगा गया है.
ममता वाहन नहीं मिलने से गयी जान : पिता. शुरू लागुरी के पति बोंजो लागुरी ने कहा कि ममता वाहन न चलने से नवजात की जान गयी. ममता वाहन होता, तो समय पर प्रसूता को अस्पताल पहुंचाया जा सकता था.
मांगें पूरी होने तक जारी रहेगी हड़ताल : ममता वाहन संघ के दिलीप प्रसाद ने कहा है कि जब तक सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं करेगी, तबतक हड़ताल जारी रहेगी. नये नियम से ममता वाहन मालिकों को काफी घाटा हो रहा है.

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