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बन रहा फॉरेस्ट-माइनिंग ज्वाइंट चेकनाका

आसान नहीं होगा ओड़िशा-झारखंड के बीच रॉयल्टी की चोरी अथवा तस्करी मनोहरपुर : झारखंड-ओड़िशा राज्य के सीमावर्ती क्षेत्र जराईकेला है. अब तक दोनों राज्यों के सीमा पर किसी प्रकार के अवरुद्ध चेकनाका नहीं होने के कारण व्यवसायियों को कई प्रकार से रॉयल्टी में छूट मिलती आयी है, तो विभिन्न वन पर्दाथ (लकड़ी/अयस्क) की चोरी को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 8, 2015 9:12 AM
आसान नहीं होगा ओड़िशा-झारखंड के बीच रॉयल्टी की चोरी अथवा तस्करी
मनोहरपुर : झारखंड-ओड़िशा राज्य के सीमावर्ती क्षेत्र जराईकेला है. अब तक दोनों राज्यों के सीमा पर किसी प्रकार के अवरुद्ध चेकनाका नहीं होने के कारण व्यवसायियों को कई प्रकार से रॉयल्टी में छूट मिलती आयी है, तो विभिन्न वन पर्दाथ (लकड़ी/अयस्क) की चोरी को रोकने के मकसद से सारंडा वन प्रमंडल की नयी व्यवस्था जल्द शुरू होने जा रही है.
फॉरेस्ट व माइनिंग द्वारा ज्वाइंट चेकनाका के लिए स्ट्रेक्चर तैयार करने का कार्य तीव्र गति से चल रहा है. चेक पोस्ट निर्माण को लेकर यहां के व्यवसायियों में खासा उत्साह देखा जा रहा है.
मनोहरपुर में मिलने वाले सामाग्रियों की दर में एकरूपता आयेगी.
चेकपोस्ट निर्माण से होने वाले नुकसान-फायदा. दो राज्यों के बीच होने वाले कारोबार में राज्य सरकार को राजस्व मिलेगा. अवैध कारोबार पर रोक लगेगी. वनोपज (महुआ, डोरी, गुजा, चिरौंजी) का उचित मूल्य जंगल क्षेत्र के ग्रामीणों को मिलेगा. वनोपज को एक राज्य से दूसरे राज्य बेधड़क राजस्व भुगतान कर ले जा सकेंगे कारोबारी. वाहनों की इंट्री होगी, जिससे अपराध नियंत्रण हो सकेगा. मनोहरपुर में बंद पड़े लौह अयस्क क्रशर को दोबारा शुरु करने का रास्ता निकल सकता है.
92 लाख के प्राक्कलन से निर्माण. लगभग 92 लाख रुपये की प्राक्कलन से निर्माण होने वाले उक्त चेकपोस्ट के संचालन के लिए बिल्डिंग वर्क का काम तेजी से चल रहा है. विभाग की मानें तो आगामी दो माह के भीतर जराईकेला चेक पोस्ट शुरू हो जायेगा. निर्माणाधीन भवन में ऑफिसर रेस्ट हाउस (1), वनरक्षी क्वार्टर (1), काउंटर(2), हाजत(1), शौचालय(1) व पाकशाला (1) का निर्माण किया जा रहा है.
भवनों की गुणवत्ता पर सवालिया निशान. लगभग 92 लाख रुपये की प्राक्कलन से निर्मित होने वाले चेकनाका इंफ्रास्ट्रचर के तहत बन रहे भवनों में घटिया ईंट का इस्तेमाल किया जा रहा है.
विभाग को ईंट की सप्लाई ओड़िशा के बिश्र के आपूर्तिकर्ता द्वारा ( एसबी मार्का) साहू ब्रिक्स के प्रतिनिधि ने भी मौके पर ईंटों की गुणवत्ता खराब होने की बात स्वीकार की. बहरहाल यह जांच का विषय हो सकता है.

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