लॉकडाउन उल्लंघन मामले में पश्चिमी सिंहभूम में एक दिन में 45 लोगों की गिरफ्तारी
कोरोनावायरस से बचने लिए देश भर में संपूर्ण लॉकडाउन लागू है, जिसका पालन नहीं करने वालों पर पुलिस कड़ी कार्रवाई कर रही है. पश्चिम सिंहभूम में एक दिन में ही 45 लोगों को लॉकडाउन उल्लंघन मामले में गिरफ्तार किया गया है. पुलिस अधीक्षक इंद्रजीत महथा ने कहा कि कार्यान्वयन एजेंसी के रूप में हमारी टीम दायित्वों का निर्वहन पूरे मानकों और एसओपी (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर्स) के तहत कर रही है.
चाईबासा : कोरोनावायरस से बचने लिए देश भर में संपूर्ण लॉकडाउन लागू है, जिसका पालन नहीं करने वालों पर पुलिस कड़ी कार्रवाई कर रही है. पश्चिम सिंहभूम में एक दिन में ही 45 लोगों को लॉकडाउन उल्लंघन मामले में गिरफ्तार किया गया है. पुलिस अधीक्षक इंद्रजीत महथा ने कहा कि कार्यान्वयन एजेंसी के रूप में हमारी टीम दायित्वों का निर्वहन पूरे मानकों और एसओपी (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर्स) के तहत कर रही है.
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कोविड-19 स्पेशलिटी अस्पताल, चक्रधरपुर में किये गये मॉक ड्रिल के विषय में आरक्षी अधीक्षक ने कहा कि पुलिस प्रशासन की भूमिका के संदर्भ में तैयारी की गयी. कोरोना पॉजिटिव मरीज का कोई भी मामला संज्ञान में आने पर कुछ बिंदुओं पर त्वरित सतर्कता की आवश्यकता है. जैसे कि कंट्रोल रूम का सक्रिय होना, मरीज की ट्रैवल हिस्ट्री के विषय में पता लगाना, जहां से कोरोना का केस पॉजिटिव मिलता है वहां से 3 किलोमीटर के रेडियस में पूर्ण लॉकडाउन को लागू करना और डोर टू डोर जाकर संपूर्ण स्क्रीनिंग को क्रियान्वित करना.
इन सारी चीजों को लेकर एक मॉक ड्रिल किया गया है ताकि कार्यान्वयन एजेंसी के रूप में जो हमारी टीम है वह अपने दायित्वों का निर्वहन पूरे मानकों और एसओपी (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर्स) के तहत कर सके. एसपी ने कहा कि मॉक ड्रिल से मानसिक रूप से भी इस तरह की तैयारी पूरी होती है कि किसी भी तरह की आपातकालीन परिस्थिति में जिला सिविल और पुलिस प्रशासन समुचित प्रतिक्रिया दे सके और जिले को सुरक्षित रख सके और एक सुरक्षित वातावरण में लॉक डाउन को लागू कर सके.
जिले की सीमाओं पर बने हैं चेक नाका
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि जिले में छह जगह चेक नाका बनाये गये हैं. दो इंटर डिस्ट्रिक्ट हैं और ओड़िशा बॉर्डर के साथ जामदा, नोवामुंडी, जैंतगढ़ और जराइकेला में चार जगह चेक पोस्ट बनाये गये हैं. इसके अलावा भी अन्य क्षेत्रों में ग्राम समितियों के साथ भी लगातार संपर्क बना हुआ है. मुंडा और मानकी के साथ भी संपर्क है.
क्षेत्रफल के कारण पश्चिमी सिंहभूम की चुनौतियां अलग
पुलिस अधीक्षक ने कहा कि झारखंड के क्षेत्रफल में पश्चिमी सिंहभूम सबसे बड़ा जिला है. यहां पर चार वन प्रमंडल क्षेत्र हैं, ऐसी स्थिति में जिले की चुनौतियां काफी अलग हैं. सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए वन विभाग के साथ, सीआरपीएफ के कमांडेंट के साथ समन्वय बना हुआ है. इसके अलावा मुंडा मानकी और पंचायत के जो परंपरागत तंत्र हैं उनके साथ भी सकारात्मक समन्वय बना हुआ है ताकि किसी भी तरह की कोई सूचना आती है तो स्वास्थ्य विभाग के प्रोटोकॉल को क्रियान्वित करते हुए सारी चीजों को लागू किया जा सके.