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आयुक्त का आदेश दमनात्मक
जांच से पूर्व साक्ष्य व शपथपत्र देने का ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन ने किया विरोध, कहा चाईबासा : इंटरनेशनल ह्यूमन राइट ऑर्गनाइजेशन(वाइडीसी) ने आयुक्त अरुण के उस आदेश को दमनात्मक कार्रवाई करार दिया है जिसमें उन्होंने सरकारी सेवकों के खिलाफ जांच शुरू करने से पूर्व साक्ष्य व शपथ पत्र देने को कहा है. संगठन के पश्चिम […]
जांच से पूर्व साक्ष्य व शपथपत्र देने का ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन ने किया विरोध, कहा
चाईबासा : इंटरनेशनल ह्यूमन राइट ऑर्गनाइजेशन(वाइडीसी) ने आयुक्त अरुण के उस आदेश को दमनात्मक कार्रवाई करार दिया है जिसमें उन्होंने सरकारी सेवकों के खिलाफ जांच शुरू करने से पूर्व साक्ष्य व शपथ पत्र देने को कहा है. संगठन के पश्चिम सिंहभूम जिला सचिव अंतु सुंडी ने आयुक्त के इस आदेश को लोक प्रतिनिधियों के खिलाफ दमनात्मक कार्रवाई बताया है.
आयुक्त ने अपने आदेश में तीनों जिला के उपायुक्तों को निर्देश दिया है कि सरकारी सेवकों के खिलाफ आम जनता या लोक प्रतिनिधि की शिकायत को तभी जांच के दायरे में लाये जब उसके साथ साक्ष्य और शपथपत्र दिया जाये. सुंडी ने आयुक्त कार्यालय की ओर से जारी बयान पर भी सवाल उठाये है.
उन्होंने कांग्रेस पार्टी के तथाकथित महामंत्री साधुचरण सिंह कुंटिया के किसी भी शिकायत पत्र पर कार्रवाई नहीं करने के आदेश को भी गलत ठहराया व इसे मानवाधिकार का उल्लंघन करार दिया. सुंडी ने जारी बयान में सवाल किया है कि यदि कुंटिया ने किसी सरकारी सेवक के विरोध में जांच हेतु परिवाद पत्र जारी किया है तो क्या आदेश निर्गत करने के पूर्व कुंटिया से स्पष्टीकरण पूछा गया है अथवा नहीं ? अगर नहीं पूछा गया तो कुंटिया के प्रति कार्रवाई नाइंसाफीमानी जायेगी.
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