Loading election data...

46,000 एचपी गैस उपभोक्ताओं ने ‘केवाइसी’ नहीं करायी, 30 की बुकिंग रद्द

चाईबासा में एलपीजी उपभोक्ताओं को केवाइसी करने का लिए पांच मई तक का समय दिया गया है.

By Prabhat Khabar News Desk | April 29, 2024 11:42 PM
an image

चाईबासा. चाईबासा में हिंदुस्तान पेट्रोलियम (एचपी) गैस के करीब 60 हजार उपभोक्ता है. इनमें से 46 हजार उपभोगताओं की ई-केवाइसी लंबित है. चाईबासा के गैस वितरकों की मानें, तो अभी केवाइसी (उपभोक्ता को जानें) का ऑनलाइन इंस्पेक्शन किया जा रहा है. एजेंसी के एक वितरक ने बताया कि बहुत से उपभोक्ता इंस्पेक्शन करने नहीं दे रहे हैं. ऐसे में वैसे लोगों की रिपोर्ट एजेंसी के पास भेजी जा रही है. वितरक की माने, तो गांवों में केवाइसी या गैस सिलिंडर एवं पाइप इंस्पेक्शन कराने एजेंसी के एजेंट जाते हैं, तो उपभोक्ता का दर्शन भी नहीं हो पाता है. यही वजह है कि 46000 उपभोक्ताओं का केवाइसी नहीं हो सका है. केवाइसी नहीं कराने वाले करीब 30 उपभोक्ताओं की गैस सिलिंडर बुकिंग कैंसिल भी हो चुकी है.

अपने रजिस्टर्ड एलपीजी वितरक एवं उनके स्टाफ से ही ई-केवाइसी करवायें

मौजूदा घरेलू उपभोक्ताओं के लिए अब बायोमेट्रिक (फिंगरप्रिंट आधारित) ई-केवाइसी (मोबाइल) एचपी गैस वितरण मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से पूरा किया जा सकता है. इसको लेकर एजेंसी के क्षेत्रीय कार्यालय की ओर से एलपीजी गैस वितरकों को निर्देश भी जारी कर दिये गये हैं. कहा गया है कि रसोई गैस की आपूर्ति निर्बाध रखने के लिए उपभोक्ताओं के गैस कनेक्शन का ई-केवाइसी करना अनिवार्य है. उपभोक्ता केवल अपने रजिस्टर्ड एलपीजी वितरक एवं उनके स्टाफ से ही ई-केवाइसी करवायें. इसके लिए एजेंसी ने वितरक को पांच मई तक का समय दे रखा है.

अब उपभोक्ताओं को नहीं चुकानी पड़ती है इंश्योरेंस की राशि

गैस एजेंसी के कर्मचारी ऑनलाइन इंस्पेक्शन करते हैं. इस दौरान न केवल उपभोक्ताओं की केवाइसी करा देते हैं, बल्कि नये नियम की जानकारी भी देते हैं. इस दौरान उपभोक्ताओं को बताया जा रहा है कि पूर्व में सिलिंडर की पाइप के लिए उपभोगताओं को 235 रुपये चुकाना पड़ता था. पाइप बदलते ही उपभोक्ता का इंश्योरेंस भी हो जाता था. जिसमें दुर्घटना होने पर अधिकतम 40 लाख तक का मुआवजा दिया जाता था. अब उपभोक्ताओं को इंश्योरेंस की राशि नहीं चुकानी पड़ती है. सभी का मुफ्त इंश्योरेंस हो रहा है. पाइप बदलने के लिए सिर्फ 190 रुपये ही लिये जाते हैं.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Exit mobile version