प्रबंध, निगरानी व सतर्कता समिति में बोले जनप्रतिनिधि
चाईबासा : पश्चिमी सिंहभूम में विकास कार्य कागज पर हो रहा है. योजनाओं के लिए पैसे का आवंटन हो गया है, लेकिन विकास कार्य धरातल पर नहीं दिख रहा है. कार्य एजेंसियां अपने कार्यो का ब्योरा जिले को नहीं सौंप रही है. जनप्रतिनिधियों की बात अनसुनी की जा रही है.
ये तमाम बातें जिला प्रबंध समिति तथा निगरानी व सतर्कता समिति की बैठक में बुधवार को उठी. पश्चिमी सिंहभूम के सांसद मधुकोड़ा ने पहली बार बतौर सांसद बैठक की अध्यक्षता की. मौके पर विधायक दीपक बिरूवा, गीता कोड़ा, गुरुचरण नायक, लक्ष्मण गिलुवा बड़कुंवर गागराई, उपायुक्त सहित कई विभागों के कर्मचारी उपस्थित थे.
गीता कोड़ा की कुर्सी से सीएस को उठाया
सीएस एडीएन प्रसाद पहले तो बैठक में शामिल नहीं थे. उनको बैठक में फोन कर बुलाया गया. बैठक में आते ही वह विधायक गीता कोड़ा के जाने के बाद खाली कुर्सी पर बैठ गये. डीसी ने उनको गीता कोड़ा की कुर्सी से उठने का निर्देश दिया. इसके बाद बारी–बारी से सभी विधायकों ने सीएस से जवाब तलब किया.
सीएस के व्यवहार पर भी विधायकों ने सवाल उठाये. सीएस विधायकों को अपनी दलील दे रहे थे तभी मधु कोड़ा सहित विधायक लक्ष्मण गिलुवा, गुरुचरण नायक, दीपक बिरूवा ने स्वास्थ्य सुविधाओं पर उन्हें जमकर लथाड़ लगायी.
आरइओ कार्यपालक और डीएफओ में नोंकझोक
आरइओ के कार्यपालक और पोड़ाहाट डीएफओ के बीच आपस में नोंकझोक हो गयी. हुआ यूं कि आरइओ के कार्यपालक ने कहा कि उनके आवास में लगा पेड़ गिरने की स्थिति में हो गया है. वन विभाग को आकर देखनी चाहिए.
इस पर डीएफओ ने कहा कि उन्हें इस बात की सूचना देनी चाहिए. इस पर कार्यपालक ने उन्हें खुद आकर देखनी चाहिए. इसी बात को लेकर दोनों में नोंकझोक हो गयी. डीसी ने दोनों को शांत कराया.