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बेटे के नाम से पिता की पहचान हो : डीसी

चाईबासा : प्रभात खबर प्रतिभा सम्मान कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि उपायुक्त अबुबक्कर सिद्दीख पी ने कहा कि सम्मानित होने वाले छात्र-छात्राओं की जवाबदेही अब बढ़ गयी है. इन छात्र-छात्राओं को अब ऐसा कार्य करना होगा कि बेटे के नाम से पिता की पहचान हो. हम सभी का जन्म हो गया है, जन्म के साथ टाइटल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 15, 2015 11:39 PM
चाईबासा : प्रभात खबर प्रतिभा सम्मान कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि उपायुक्त अबुबक्कर सिद्दीख पी ने कहा कि सम्मानित होने वाले छात्र-छात्राओं की जवाबदेही अब बढ़ गयी है. इन छात्र-छात्राओं को अब ऐसा कार्य करना होगा कि बेटे के नाम से पिता की पहचान हो. हम सभी का जन्म हो गया है, जन्म के साथ टाइटल मिल गया. अब हमें इसमें खुद की पहचान जोड़नी होगी. ऐसा नहीं है कि आइएएस का बेटा ही आइएएस तथा इंजीनियर का बेटा ही इंजीनियर बनेगा.
बच्चों को मन में शांति रखकर कार्य करना होगा. बच्चों को अपने लक्ष्य पर कंट्रोल करना होगा. बच्चों को रोज प्रोत्साहित करने की अभिभावकों और शिक्षकों से अपील की. हर क्षेत्र में स्कोप है. अब आपको चुनना है कि आपको किस ओर जाना है. बच्चों को सिविल सेवा की ओर से जाने की डीसी ने अपनी ओर से सलाह दी. छात्र-छात्राओं को लाइफ इज मिशन के तर्ज पर कार्य करने के लिए डीसी ने प्रेरित किया. प्रभात खबर के कार्यक्रम की सराहना की.
संसाधनों का रोना रोने से काम नहीं चलेगा : पाठक
कार्यक्रम के प्रायोजक बीए कॉलेज ऑफ इंजनीयिरिंग के प्रोफेसर एमके पाठक ने कहा कि संसाधनों का रोना रोने से काम नहीं चलेगा. प्रतिभा हो तो संसाधन कभी बाधा नहीं होती. सामूहिक रूप से सम्मानित होने का काफी व्यापक अर्थ होता है. इस तरह के सम्मान से प्रतिभा को और निखारने का अवसर मिलता है. जो लोग यहां सम्मानित हुए हैं, उनको और ऊर्जा के साथ कार्य करना होगा.
यहां से जिंदगी की शुरुआत होनी है. जिंदगी की दिशा जिस ओर में मोड़ेंगे, गाड़ी उसी ओर चल पड़ेगी. सोच-समझकर फैसले लेने होंगे. इसमें अभिभावक की भी भूमिका काफी अहम है.

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