गणित और विज्ञान को रोचक ढंग से पढ़ाएं

चक्रधरपुर : सरस्वती शिशु विद्या मंदिर तुलसी भवन में हिंदी, अंगरेजी, विज्ञान, गणित व सामाजिक विज्ञान के आचार्यो का समागम हुआ. जिसमें शिक्षकों की योग्यता में और वृद्धि कैसे हो इसवके बारे में विस्तार से जानकारी दी गयी. समागम के दौरान इस बात पर भी चरचा की गयी कि यदि पढ़ाने के ढंग के थोड़ा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:36 PM

चक्रधरपुर : सरस्वती शिशु विद्या मंदिर तुलसी भवन में हिंदी, अंगरेजी, विज्ञान, गणित व सामाजिक विज्ञान के आचार्यो का समागम हुआ. जिसमें शिक्षकों की योग्यता में और वृद्धि कैसे हो इसवके बारे में विस्तार से जानकारी दी गयी.

समागम के दौरान इस बात पर भी चरचा की गयी कि यदि पढ़ाने के ढंग के थोड़ा बदलाव किया जाए तो कैसे अधिक से अधिक बच्चों को वह समझ में आयेगी और इसका प्रभाव बच्चों के परीक्षा परिणाम में देखने को मिलेगा. खासकर गणित और विज्ञान विषय को रुचिकर ढंग से पढ़ाने की सलाह संबंधित शिक्षकों को दी गयी. उसे दिन-प्रतिदिन के उदाहरणों से जोड़कर भेजने को कहा गया.

मारवाड़ी स्कूल के प्राचार्य रामचंद्र पाठक व शिव शंभू गिरी ने दीप जलाकर कार्यक्रम का उदघाटन किया. आचार्य रमेश ठाकुर द्वारा सरस्वती वंदना, ब्रह्मनाद, गायत्री मंत्र, शांति पाठ पेश किया गया.

कार्यशाला में सरस्वती शिशु विद्या मंदिर तुलसी भवन, पद्मावती जैन सरस्वती शिशु मंदिर पंप रोड, पद्मावती जैन सरस्वती शिशु विद्या मंदिर चाईबासा, सिदो-कान्हू शिक्षा निकेतन करंजो, सरस्वती शिशु विद्या मंदिर थई पिलका गोइलकेरा के शिक्षकों ने भाग लिये. प्रधानाचार्य आरएन पांडेय ने गणित व विज्ञान को रोचक बनाने के लिए नयी पद्धति की जानकारी दी. डॉ रामचंद्र पाठक द्वारा हिंदी व्याकरण में वर्तनी व वर्णमाला के संदर्भ में जानकारी दी गयी.

उपाध्यक्ष शिव शंभू गिरी ने आधुनिक शिक्षा प्रणाली को सुदृढ़ करने के लिए विचार प्रकट किये. विज्ञान के संयोजक सुरेश कुमार चाईबासा, अंग्रेजी के संयोजक संजीव कुमार सिंह, हिंदी के संयोजक सानिया लकड़ा सामाजिक विज्ञान के प्रभारी संयोजक सुलेखा, गणित के संयोजक नारायण डे ने विषयवार जानकारी दी.

विज्ञान की समस्याओं का निराकरण रचना पांडेय द्वारा सहज तरीके से दिया गया. कार्यक्रम को सफल बनाने में अमरेश महाता, एमभी लक्ष्मी, शकुंतला गिरी, उर्मिला गिरी, भारती महतो, रीना कुमारी, कैलेश्वर प्रसाद, काली चरण पान व अशपाख अहमद का योगदान रहा.

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