भारी बारिश से कई लोग हुए बेघर

प्रशासन की व्यापक तैयारी से कम हुआ जान–माल का नुकसान बंदगांव : बंदगांव प्रखंड में फेलिन के प्रकाप से हुई लगातार बारिश होने से जनजीवन काफी प्रभावित हुआ. सबसे अधिक क्षति पुरनाडीह गांव में हुआ. विंजय नदी उफान पर थी. नदी का पानी कई घरों में घुस आया. पुरनाडीह के अजीत मंडल, कुलेश्वरी महतो, शिबो […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 16, 2013 1:13 AM

प्रशासन की व्यापक तैयारी से कम हुआ जानमाल का नुकसान

बंदगांव : बंदगांव प्रखंड में फेलिन के प्रकाप से हुई लगातार बारिश होने से जनजीवन काफी प्रभावित हुआ. सबसे अधिक क्षति पुरनाडीह गांव में हुआ. विंजय नदी उफान पर थी. नदी का पानी कई घरों में घुस आया.

पुरनाडीह के अजीत मंडल, कुलेश्वरी महतो, शिबो कालिंदी, सुबानसाई के बसंत महतो, अंजनि महतो, महेंद्र महतो, कालिकाबेड़ा के प्रभाकर प्रधान, वामदेव प्रधान, बांगरासाई के बाबू लाल महतो, मेमनी महतो, कराईकेला के जगदीश नायक, लोबेन नायक का घर टूट गया और कुछ का क्षतिग्रस्त हो गया.

बाढ़ की स्थिति बनती देख कर थाना प्रभारी परशुराम पासवान ने पुलिस बल प्रखंड कर्मियों के सहयोग से कालिंदी बस्ती को खाली करवाया. कर्मचारी असीम कुमार तिड़ु भीम सेन कुजूर भी प्रशासन की ओर से जायजा लेने पहुंचे थे. कालिंदी बस्ती के लोगों को रात में कराईकेला पंचायत भवन में ठहराया गया था.

नकटी डैम का निरीक्षण

भारी बारिश से नकटी डेम पर प्रभाव पड़ने की संभावना के कारण अनुमंडल पदाधिकारी छवि रंजन ने दो दिनों में दो बार नकटी डेम का निरीक्षण किया. सूचना थी कि अधिक बारिश होने और नकटी डैम टूट जाने के कारण भारी तबाही हो सकती है. इस कारण एसडीओ दो दिन नकटी डैम का निरीक्षण करने पहुंचे.

निरीक्षण के बाद एसडीओ ने बताया कि नकटी डैम काफी मजबूत बना है. इसलिए किसी को किसी तरह की अनहोनी की चिंता नहीं करनी चाहिए. डेम में पानी भरने के कारण कोई परेशानी नहीं होगी. चक्रधरपुर थाना प्रभारी सकलदेव राम भी लगातार मोबाइल से डेम की स्थिति की जानकारी लेते रहे.

300 वर्ष पुराना कुआं धंसा

चक्रधरपुर. 12-13 अक्तूबर की रात में आयी मुसलाधार बारिश में भारी तबाही हुई. वार्ड संख्या 13 में रेलकर्मी खुरशीद अनवर के आवास में एक तीन सौ साल पुराना कुआं धंस गया. कुआं धंसने से आस पास के क्षेत्र की मिट्टी भी धंस गया. इससे करीब के दो दीवार एक मकान पर खतरा मंडरा है. दीवार मकान भी गिरने की स्थिति में गयी है. तीन सौ साल पहले खुदवाये गये इस कुआं में पानी भरा हुआ था.

Next Article

Exit mobile version