पी पेसा एक्ट के तहत प. सिंहभूम को स्वशासित जिला का अधिकार मिले

पिल्लई हॉल में हुआ कार्यक्रम चाईबासा : पी पेसा एक्ट के तहत पश्चिम सिंहभूम को स्वशासित जिले का दर्जा मिलना चाहिए. राज्य सरकार आदिवासी विरोधी कार्य कर रही है. उक्त बातें संताल परगना के प्रधान विकटन मालतो ने कहीं. वे रविवार को पिल्लाई हॉल में आयोजित आदिवासी बुद्धिजीवी मंच कार्यक्रम में बोल रहे थे. उन्होंने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 21, 2016 7:13 AM

पिल्लई हॉल में हुआ कार्यक्रम

चाईबासा : पी पेसा एक्ट के तहत पश्चिम सिंहभूम को स्वशासित जिले का दर्जा मिलना चाहिए. राज्य सरकार आदिवासी विरोधी कार्य कर रही है. उक्त बातें संताल परगना के प्रधान विकटन मालतो ने कहीं. वे रविवार को पिल्लाई हॉल में आयोजित आदिवासी बुद्धिजीवी मंच कार्यक्रम में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि भारत सरकार के पी पेसा एक्ट 1996 के तहत अनुसूचित जिला में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव नहीं कराना है. राज्य सरकार एक विधेयक पारित कर यहां पंचायत चुनाव कराती है. इसके कारण यहां आदिवासी व मानकी मुंडा की पहचान घट रही है.
इस विधेयक को चुनौती देने के लिए आदिवासी बुद्धिजीवी मंच न्यायालय तक पहुंच गया है. मालतो ने पी पेसा एक्ट की विस्तृत जानकारी आदिवासी समुदाय के लोगों को दी. इस दौरान चाईबासा क्षेत्र के विभिन्न स्थलों से मानकी व मुंडा, कांग्रेस जिलाध्यक्ष सन्नी सिंकू, फुलमति हेंब्रम आदि शामिल हुए.
मानकी हो समाज के प्रतीक
कार्यक्रम में बताया गया कि कोल्हान के मानकी हो समाज के प्रतीक हैं, लेकिन पंचायत चुनाव के बाद उनकी पहचान लुप्त होती जा रही है. मुखिया व वार्ड सदस्य गांव व पंचायत के मालिक बने हुए हैं. अफसरशाही पूरी तरह जिले में हावी है. आदिवासी भाई-भाई में लड़ रहे हैं. हम सभी को एकजुट होकर इसे रोकना है. पंचायत चुनाव का विरोध करना है. स्वशासित जिला गठन होने से मानकी व मुंडा इसके सदस्य होंगे. इससे जल, जंगल व जमीन का मालिक हम होंगे. बाहरी लोग हमारे जंगल को लूट रहे हैं.
मानकी व आदिवासी समाज ने पूछे सवाल
आदिवासी बुद्धिजीवी मंच में विभिन्न जगहों से आये मानकी व आदिवासी समुदाय के सदस्यों ने पी पेसा एक्ट से संबंधित सवाल पूछे. इसका जवाब संताल परगना के प्रधान विकटन मालतो ने दिया.

Next Article

Exit mobile version