पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना
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ईस्टर संडे. प्रियजनों की कब्र पर जली मोमबत्तियां
पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना ईसा मसीह मृत्यु के तीन दिनों बाद फिर जी उठे थे. इसी स्मृति में ईस्टर पर्व ईसाई प्रतिवर्ष धूमधाम से मनाया जाता है. चाईबासा : ईसाइयों का पवित्र सप्ताह रविवार को ईस्टर पर्व के साथ संपन्न हो गया. इस दौरान समुदाय के लोग सुबह चार बजे कब्रिस्तान […]
ईसा मसीह मृत्यु के तीन दिनों बाद फिर जी उठे थे. इसी स्मृति में ईस्टर पर्व ईसाई प्रतिवर्ष धूमधाम से मनाया जाता है.
चाईबासा : ईसाइयों का पवित्र सप्ताह रविवार को ईस्टर पर्व के साथ संपन्न हो गया. इस दौरान समुदाय के लोग सुबह चार बजे कब्रिस्तान पहुंचे. यहां अपने प्रियजनों की कब्र पर मोमबत्ती जलाकर पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की.
शहर के सीएनआई चर्च कब्रिस्तान व जीइएल चर्च कब्रिस्तान, बड़ीबाजार कब्रिस्तान में समुदाय के लोगों की भीड़ रही. सीएनआई चर्च में गुड फ्राइडे पर रेव्ह जेम्स विलशन ने सातवाणी पर प्रकाश डाला. वहीं ईस्टर पर कब्रिस्तान में रेव्ह जेपी सिरका ने संचालन किया. वहीं चर्च में रेव्ह बीएएम आइंद ने संचालन किया. गौरतलब हो कि ईस्टर सूर्योदय से पूर्व मनाया जाता है.
पुनर्जीवित हो गये थे प्रभु यीशु : ईसाई धार्मिक ग्रंथों के अनुसार महाप्रभु ईसा मसीह मृत्यु के तीन दिनों बाद इसी दिन फिर जी उठे थे. इससे लोग हर्षोल्लास से झूम उठे थे. इसी स्मृति में यह पर्व ईसाई प्रतिवर्ष धूमधाम से मनाते हैं. 21 मार्च के बाद जब पहली बार चांद पूरा होता है, उसके बाद के पहले रविवार को ईस्टर का त्योहार होता है. गुड फ्राइडे के दिन प्रभु ईसा मसीह को क्रूस पर चढ़ा दिया गया था. यह पर्व मुख्य रूप से पोटेरेस्टेंट (गैर कैथोलिक) वर्ग के लोग मनाते हैं.
ईस्टर की तैयारी सप्ताह भर पहले से शुरू हो जाती है. कब्रिस्तानों में कब्र की साफ-सफाई व रंग-रोगन किया जाता है. चाईबासा में स्थानीय पेरिस पुरोहित की ओर से प्रार्थना की जाती है. इसके बाद लोग प्रियजनों की कब्र में फूल चढ़ाकर व मोमबत्ती जलाकर पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हैं. इसके बाद गिरजाघरों में प्रार्थना व गीतों से परमेश्वर की वंदना की जाती है. चर्च फादर के मुताबिक बसंत की देवी ईस्टर हैं, जिनके नाम पर इस माह का नाम ईस्टर पड़ा.
चर्च में प्रार्थना व गीतों से हुई प्रभु की वंदना
शोभा यात्रा निकली
सीएनआई चर्च चाईबासा से सुबह साढ़े तीन बजे से शोभायात्रा निकाली गयी. फादर जेपी सिरका के नेतृत्व में यात्रा निकाली गयी. इसमें बड़ी संख्या में समुदाय के लोग शामिल थे.
घरों में बने पकवान
ईसाई समुदाय के लोगों ने ईस्टर पर्व के दिन घरों में विभिन्न पकवान तैयार किये. अपने-अपने परिजनों को बुलाकर एक-दूसरे को शुभकानाएं दी. यह सिलसिला दिनभर चलता रहा.
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