दोनों हाथ नहीं, हौसले से पायी मंजिल

‘पंखों से कुछ नहीं होता, हौसलों में उड़ान होती है, मंजिल उन्हें मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है’. यह शेर गुलशन जैसे जज्बे और जोशवाले युवक पर सटीक बैठता है, जिन्हें जन्म से ही विकलांगता (दोनों हाथ नहीं) का अभिशाप मिला था, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. इस अभिशाप को अपनी ताकत बना […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 3, 2016 9:01 AM
‘पंखों से कुछ नहीं होता, हौसलों में उड़ान होती है, मंजिल उन्हें मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है’. यह शेर गुलशन जैसे जज्बे और जोशवाले युवक पर सटीक बैठता है, जिन्हें जन्म से ही विकलांगता (दोनों हाथ नहीं) का अभिशाप मिला था, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. इस अभिशाप को अपनी ताकत बना लिया. आज एमए पास गुलशन उउवि बारंगा स्कूल में शिक्षक हैं. समाजसेवा तो कर ही रहे हैं, नि:शक्तों के लिए मिसाल भी बन गये हैं.
राधेश सिंह राज
मनोहरपुर : पश्चिमी सिंहभूम जिला के मनोहरपुर (जगन्नाथपुर विस) के बारंगा गांव निवासी गुलशन लोहार सात भाइयों में सबसे छोटे हैं. जन्म से ही नि:शक्त हैं. दोनों हाथ नहीं हैं. गरीबी के बावजूद पिता ने गुलशन के लालन-पालन में कोई कमी नहीं की. गुलशन को अपनी शारीरिक कमजोरी और आनेवाली चुनौतियों का बचपन में ही आभास हो गया. इसलिए जिंदगी के हर इम्तहान में पास होने का उन्होंने संकल्प लिया.
आत्मविश्वास को मजबूत कर गुलशन ने अपने पैरों को दोस्त और सहयोगी बनाया. धीरे-धीरे पैर से सारा काम करने लगे.
यहां तक कि लिखना भी शुरू कर दिया. वर्ष 2003 में मैट्रिक की परीक्षा में उन्हें 50 प्रतिशत अंक मिले. वर्ष 2005 में फर्स्ट डिवीजन से इंटर की परीक्षआ पास की. परीक्षा में उन्हें 64 प्रतिशत अंक मिले. वर्ष 2008 में राजनीतिक शास्त्र (प्रतिष्ठा) की परीक्षा 54 प्रतिशत अंक के साथ पास की. ट्यूशन पढ़ा कर उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी की.
बचपन से ही शिक्षक बनने का ख्वाब देख रहे गुलशन को अपना सपना पूरा करने के लिए बीएड करना जरूरी था. स्नातक की डिग्री लेने के बाद उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री शिबू सोरेन से रांची में मुलाकात की. सीएम ने पढ़ाई जारी रखने के लिए उन्हें 25 हजार रुपये का सहयोग दिया. गुलशन ने रांची विश्वविद्यालय से बीएड की डिग्री हासिल की. 13 दिसंबर, 2013 को गुलशन ने उपायुक्त अबुबकर सिद्दीकी पी से मिल कर सहयोग मांगा. 30 अप्रैल, 2014 को सेल प्रबंधन ने (सीएसआर) के तहत गुलशन को उत्क्रमित उच्च विद्यालय बारंगा में शिक्षक नियुक्त कर दिया. 8,000 रुपये के मानदेय पर गुलशन बारंगा स्कूल में बच्चों को पढ़ा रहे हैं. इस बीच, गुलशन ने एमए भी कर लिया.
केबीसी के लिए हुआ था इंटरव्यू, यू-ट्यूब पर भी हैं गुलशन
वर्ष 2012 के ‘कौन बनेगा करोड़पति’ के लिए गुलशन का चयन हुआ था. इसके लिए मल्टी इंडिया मीडिया प्राइवेट लिमिटेड द्वारा डॉक्यूमेंट्री भी बनायी जा चुकी थी. कंपनी के भास्कर भट्ठ ने बताया कि अपरिहार्य कारणों से गुलशन हॉट शीट तक नहीं पहुंच सका. दूसरी ओर मनोहरपुर निवासी स्क्रीप्ट डायरेक्टर सुभाष बोस ने शार्ट डाक्यूमेंट्री भी तैयार की है, जो इन दिनों यू-ट्यूब पर मौजूद है.

Next Article

Exit mobile version