देवी रूप में पूजी गयीं कुंवारी कन्याएं, सिंदूर खेला आज

चाईबासा : शहर के विभिन्न दुर्गा पूजा पंडालों व मंदिरों में शुक्रवार को नवमी पूजा का आयोजन किया गया. सुबह मां की संधि पूजा, आरती के बाद पुष्पांजलि दी गयी. दोपहर को कुंवारी पूजन के उपरांत कुम्हड़े की बलि दी गयी. कुंवारी कन्याओं को भोजन कराया गया. विभिन्न जगहों पर प्रसाद बांटा गया. बंगाली पूजा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 16, 2016 9:33 AM
चाईबासा : शहर के विभिन्न दुर्गा पूजा पंडालों व मंदिरों में शुक्रवार को नवमी पूजा का आयोजन किया गया. सुबह मां की संधि पूजा, आरती के बाद पुष्पांजलि दी गयी. दोपहर को कुंवारी पूजन के उपरांत कुम्हड़े की बलि दी गयी. कुंवारी कन्याओं को भोजन कराया गया. विभिन्न जगहों पर प्रसाद बांटा गया.
बंगाली पूजा कमेटी टुंगरी की ओर से आयोजित दुर्गा पूजा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे. शनिवार को घट विसर्जन, सिंदूर खेल, खिचड़ी भोग व संध्या के समय कचहरी तलाब में प्रतिमा का विसर्जन किया जायेगा. इधर, चैत नवरात्र के समापन व रामनवमी पर्व पर संपूर्ण चाईबासा में जगह-जगह कई धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. अनेक स्थानों पर पूजा-हवन, कन्या भोज आदि अनुष्ठान हुए. रामनवमी के अवसर पर बाल मंडली, बाबा मंदिर, दुर्गा मंदिर व अन्य विभिन्न पूजा स्थलों पर कुंवारी कन्याओं को भोज करवाया गया. मान्यता अनुसार कन्याएं मां दुर्गा का रूप होती हैं. इसी प्रथा को मानते हुए नवमी के दिन नौ कन्याओं की पूजा कर भोज कराया जाता है. साथ ही उन्हें नये वस्त्र दिये गये.
नौ कन्याओं के पैर धो आशीर्वाद लिया
नीमडीह स्थित बाल मंडली अखाड़ा में कन्या भोज में नौ बाल कन्याओं के पैर धोये गये. फिर कन्याओं को भोज कराया गया. कई महिलाओं ने नौ कन्याओं के चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लिया. सभी को चुनरी ओढ़ायी. भोजन ग्रहण करने के बाद उनके द्वारा छोड़े गये भोजन को व्रतियों ने ग्रहण किया.
यज्ञ हवन के साथ संपन्न हुई बजरंगबली की पूजा
बाबा मंदिर में झंडा जुलूस के एक दिन पूर्व सुबह में यज्ञ हवन किया गया. इस दौरान बालिकाओं को भक्तों ने नये वस्त्र समेत कई उपहार दिये गये.

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