1247 हैंडपंप का पाइप सड़ा, 957 ठप

मनोज कुमार चाईबासा : चक्रधरपुर पेयजल विभाग डिवीजन के सात प्रखंडों में खराब चापाकलों की मरम्मत व नये चापाकल के लिए आपदा प्रबंधन विभाग ने 75 लाख रुपये आवंटित किये थे. विभागीय प्लानिंग नहीं होने के कारण राशि का उपयोग नहीं कर सका, जिसके कारण पैसा सरेंडर करना पड़ा. अब भीषण गरमी के कारण क्षेत्र […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 16, 2016 9:34 AM
मनोज कुमार
चाईबासा : चक्रधरपुर पेयजल विभाग डिवीजन के सात प्रखंडों में खराब चापाकलों की मरम्मत व नये चापाकल के लिए आपदा प्रबंधन विभाग ने 75 लाख रुपये आवंटित किये थे. विभागीय प्लानिंग नहीं होने के कारण राशि का उपयोग नहीं कर सका, जिसके कारण पैसा सरेंडर करना पड़ा.
अब भीषण गरमी के कारण क्षेत्र में पेयजल संकट गहरा गया है, लेकिन विभाग के पास चापाकल मरम्मत व नये चापाकल के लिए राशि ही नहीं है. मार्च में विभाग को आवंटित 75 लाख रुपये खर्च नहीं कर पाने पर 31 मार्च के पैसा वापस कर दिया गया. विभाग ने सरकार से अब दोबारा पैसे की मांग की है. इस हालात में इस साल गरमी में खराब चापाकलों की मरम्मत आसान नहीं है.
गोइलकेरा में सबसे अिधक 265 पाइप सड़ गयी
चक्रधरपुर डिवीजन के सातों प्रखंडों में कुल 1247 चापाकल की पाइप सड़ गयी है. कुल 957 चापाकल ठप हैं. गोइलकेरा में सबसे अधिक 265 पाइप सड़ गयी है. चक्रधरपुर में 155 चापाकल ठप हो गये हैं.
पहले राशि लौटायी अब फंड की डिमांड
चक्रधरपुर पेयजल विभाग ने फिर से सरकार को पत्र लिख कर राशि की मांग की है. अब खराब चापाकल के बदले नये चापाकल लगाने व सड़ा पाइप बदलने के लिए सरकार से राशि आने तक का इंतजार करना होगा. गौरतलब हो कि चक्रधपुर और चाईबासा पेयजल प्रमंडल को आपदा प्रबंधन कोष से एक साथ राशि दी गयी थी.
चाईबासा पेयजल प्रमंडल को एक करोड़ 25 लाख रुपये दिये गये थे. चाईबासा प्रमंडल में राशि खर्च करने की प्रक्रिया शुरू हो गयी है. वहीं चक्रधरपुर डिवीजन के सातों प्रखंडों में टेंडर नहीं हो सका है. सरकारी प्रक्रियाओं के अनुसार चक्रधरपुर डिवीजन में नये चापाकल लगाने व सड़ा पाइप बदलने के लिए जून तक समय लग सकता है.
चाईबासा के 11 प्रखंडों में लगेंगे 220 चापाकल
चाईबासा पेजयल डिवीजन के अंतर्गत कुल 11 प्रखंड हैं. इन 11 प्रखंडों में एक करोड़ 25 लाख की लागत से कुल 220 नये चापाकल लगाया जायेगा. इसके लिए टेंडर कर दिया गया है. 29 अप्रैल कों टेंडर खोला जायेगा.

Next Article

Exit mobile version