नदी के गंदे पानी पर आश्रित हैं 350 लोग

चक्रधरपुर : इस तपती गरमी में प्रखंड के गुलकेड़ा पंचायत अंतर्गत सुदूरवर्ती बुरूसाई गांव के ग्रामीण संजय नदी का गंदा पानी पीने की मजबूर हैं. करीब 350 की आबादी वाले बुरूसाई गांव में केवल एक चापाकल है. गरमी में जलस्तर नीचे जाने के कारण चापाकल भी दम तोड़ चुका है. पेयजल के लिए ग्रामीण नदी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 27, 2016 7:08 AM

चक्रधरपुर : इस तपती गरमी में प्रखंड के गुलकेड़ा पंचायत अंतर्गत सुदूरवर्ती बुरूसाई गांव के ग्रामीण संजय नदी का गंदा पानी पीने की मजबूर हैं. करीब 350 की आबादी वाले बुरूसाई गांव में केवल एक चापाकल है. गरमी में जलस्तर नीचे जाने के कारण चापाकल भी दम तोड़ चुका है. पेयजल के लिए ग्रामीण नदी के गंदे पानी उपयोग कर रहे हैं या फिर नदी के किनारे चुआं खोद कर अपनी प्यास बुझा रहे हैं. पहाड़ी क्षेत्र में बसे इस गांव में नदी तक जाने का रास्त खाईनुमा है.

ग्रामीण नदी से पानी भर कर दो पहाड़ों के बीच से बने खाइनुमा रास्ते से आना जाना करते हैं. दिनों दिन सुखती नदी के कारण ग्रामीणों की पेयजल समस्या बढ़ती ही जा रही है. ग्रामीण नदी में पहले जगह-जगल पानी का जमाव कर रहे हैं और फिर उसे भर कर घर ला रहे हैं.

हर साल होती है परेशानी
राधी मुंडा, रानी मुंडा, सरीता मुंडा, बबीता मुंडा, गोडोराम जामुदा, कालुराम सुरीन ने कहा कि हर साल गरमी में ग्रामीणों को पेयजल के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. चापाकलों की उचित व्यवस्था नहीं होने से यहां के लोग नदी के पानी पर ही निर्भर रहना पड़ता है. गांव में चापाकल लगाने व खराब पड़े चापाकल की मरम्मत के लिए विभाग को कई बार लिखित सूचना दी गयी, लेकिन किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं हुई.

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