आठ सीओ को उपायुक्त ने किया शो-कॉज

वनाधिकार पट्टा के दावा पत्रों के निष्पादन में देर करने वाले अधिकारी नपेंगे जिले में 40 हजार वन पट्टा वितरण का लक्ष्य चाईबासा : कल्याण विभाग ने सोमवार को अनुसूचित जनजाति व अन्य परंपरागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2006 व संशोधित नियम 2012 पर कार्यशाला का आयोजन किया. इसकी अध्यक्षता उपायुक्त अबुबक्कर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 14, 2016 6:01 AM

वनाधिकार पट्टा के दावा पत्रों के निष्पादन में देर करने वाले अधिकारी नपेंगे

जिले में 40 हजार वन पट्टा वितरण का लक्ष्य
चाईबासा : कल्याण विभाग ने सोमवार को अनुसूचित जनजाति व अन्य परंपरागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2006 व संशोधित नियम 2012 पर कार्यशाला का आयोजन किया. इसकी अध्यक्षता उपायुक्त अबुबक्कर सिद्दीख पी ने की. कार्यशाला में अनुपस्थित जिले के आठ प्रखंड के सीओ को शो कॉज किया गया. इसके पूर्व उपायुक्त ने जागरुकता रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. कार्यशाला में उपायुक्त ने कहा कि वन अधिकार अधिनियम के तहत जिले में 40 हजार वन पट्टा वितरण का लक्ष्य है. इसमें अब तक पांच हजार वन पट्टा का वितरण हो सका है.
जांच के नाम पर निष्पादन में देर न करें
उन्होंने कहा कि ग्रामसभा/टोला सभा में 50 से अधिक वयस्क व एक तिहाई महिलाएं अवश्य उपस्थित हों. उपायुक्त ने कहा कि 1964 के सेट्लमेंट पट्टे का वन विभाग ने राजस्व दाखिल करने पर पाबंदी लगाकर पट्टे को रदद् किया था. उन पट्टे को वर्तमान में किया जा सकता है. क्योंकि 1964 के दावे स्पष्ट करते
हैं कि 2005 के पूर्व से वे वन भूमि पर दखलकार हैं. जंगल झाड़ी पर कब्जा दिखाने वालों को भी वन पट्टा दिया जा सकता है. अंचल कार्यालय से किसी भी प्रकार के पत्र वन पट्टा स्वीकृति के लिए जारी नहीं किया जाएगा. वे ग्रामसभा में जाकर अनापत्ति देंगे. इसके साथ सामुदायिक वन पट्टे का लक्ष्य जिले को 600 प्राप्त हुआ है. बैठक में जिला कल्याण पदाधिकारी सलेन भूइयां, सदर अनुमंडल पदाधिकारी राकेश कुमार दुबे सहित वन क्षेत्र पदाधिकारी एवं अंचलाधिकारी उपस्थित थे.
शेष 35 हजार वन पट्टा 15 अगस्त तक करें वितरण
डीसी ने शेष 35 हजार बन पट्टा वितरण 15 अगस्त तक करने का आदेश दिया. इसमें दो एनजीओ पैक्स व वन अधिकार समिति की सहायता लिया जा सकता है. उपायुक्त ने कहा कि वन विभाग व अंचल के पदाधिकारी/ कर्मचारी ग्रामसभा में जायें और सभा की ओर से जारी आपत्ति प्रस्ताव सूचना की जांच कर अनापत्ति दें. ग्रामसभा की ओर से जारी नोटिस में आम जनता की अनापत्ति, वन विभाग की अनापत्ति व अंचल की ओर से अनापत्ति दी जाए.
इसके बाद अनुमंडल को दावा आवेदन भेजा जाये. वनाधिकार पट्टा के लिए प्राप्त दावा पत्रों का निष्पादान में जांच के नाम पर देरी करने वाले पदाधिकारियों पर कार्रवाई होगी. वनाधिकार कानून के तहत प्राप्त दावों पर किसी विभाग को अापत्ति होगी, तो ग्रामसभा में जाकर अापत्ति दर्ज कराना होगा.

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