जीपीटीए-जीआरएस बरखास्त, पीइओ निलंबित

ररूआ . बेलमा नाले पर बने चेकडैम घोटाले में कार्रवाई मझगांव : मझगांव से सटे ररूआ प्रखंड में मनरेगा के तहत बन रहे चेकडैम घोटाले में मयूरभंज जिला प्रशासन ने कड़ा कदम उठाया है. प्रशासन ने घोटाले में शामिल ररूआ पंचायत के ग्राम पंचायत तकनीकी सहायक (जीपीटीए) रतिकांत मरांडी व ग्राम रोजगार सेवक (जीआरएस) उमेश […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 26, 2016 5:15 AM

ररूआ . बेलमा नाले पर बने चेकडैम घोटाले में कार्रवाई

मझगांव : मझगांव से सटे ररूआ प्रखंड में मनरेगा के तहत बन रहे चेकडैम घोटाले में मयूरभंज जिला प्रशासन ने कड़ा कदम उठाया है. प्रशासन ने घोटाले में शामिल ररूआ पंचायत के ग्राम पंचायत तकनीकी सहायक (जीपीटीए) रतिकांत मरांडी व ग्राम रोजगार सेवक (जीआरएस) उमेश चंद्र पुरती को नौकरी से बरखास्त कर दिया है, जबकि ररूआ पंचायत के पंचायत प्रसार अधिकारी (पीइओ) परेश चंद्र महंती को निलंबित कर दिया गया है. तीनों को पांच दिनों के अंदर 1, 58, 216 रुपये प्रखंड में जमा करने को कहा गया है. पैसा नहीं जमा करने पर आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी.
आरोपियों को पांच दिनों के भीतर 1.58 लाख रुपये प्रखंड में जमा करने का निर्देश
काम किये बगैर 1.58 लाख की राशि की हुई निकासी
तय स्थान से 40 फुट ऊपर किया जा रहा था निर्माण कार्य, बीडीओ ने रोका
प्रखंड से पांच किमी दूर झुमुकापाल के बेलमा नाले पर चेकडैम के लिए सात लाख रुपये की योजना को मिली थी मंजूरी
बेलमा नाले पर सात लाख से बनना था चेकडैम
ररुआ प्रखंड कार्यालय से पांच किलोमीटर दूर झुमुकापाल स्थित बेलमा नाले पर चेकडैम बनना था. इस पर सात लाख रुपये खर्च होना था. दो अप्रैल को इस योजना के तहत मजदूरों की मजदूरी के लिए 1,58,216 रुपये मजदूरों के खाते में जमा किये गये, लेकिन चेकडैम का निर्माण नहीं हो पाया. 15 मई को मामला उजागर होने के बाद 16 मई को झुमुकापाल गांव के संयोजक के नाम पर कार्यादेश दिया गया.
गलत जगह पर बन रहा था डैम, रोका
बेलमा नाले के जिस स्थान पर चेकडैम का निर्माण किया जाना था, उसकी जगह 40 फुट ऊपर सूखे झरने में डैम का काम शुरू किया गया. स्थानीय लोगों ने इसकी शिकायत रुरूआ बीडीओ से की. 31 मई को बीडीओ जयश्री बेहरा व सहकारी अभियंता अचुत्य बेउरा ने कार्यस्थल का निरीक्षण कर ग्रामीणों के आरोप को सही पाया. तब डैम का काम बंद करा दिया गया.
बिना काम के मजदूरी के नाम पर निकाल लिये पैसे
डैम का काम बंद होने के बाद भी मजदूरों के पेमेंट के लिए भेजा गया पैसा खाते से निकाल लिया गया. विभाग को इसकी जानकारी हुई तो खोजबीन शुरू की गयी. मामले की जांच कर प्रखंड प्रशासन ने अपनी रिपोर्ट मयूरभंज परियोजना निदेशक को दी.

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